
वटवृक्ष की “छाया”… गुजरते कारवां के गुबार में घिरी
अजय तिवारीसांझ ढल रही है… सुबह से शाम तक का सफर करते हुए बहुत चकाचौंध देखी है। धीरे-धीरे सूरज पश्चिमांचल में अस्त हो रहा है। आसमान में अभी लालिमा नजर आ रही है, लेकिन जल्द ही गहरे अंधेरे का सफर शुरू होगा। मेरी छाया अंधेरे में भी नजर आएगी। मेरे आसपास गहरा सन्नाटा होगा, बैठे…