संतनगर में मां की चिता को अग्नि दी बेटी ने

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हिरदाराम नगर। भोपाल डॉट कॉम
परंपराएं बनती हैं, टूटने के लिए। महिलाओं को रोकने वाले सामाजिक प्रतिबंध धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं। माता-पिता का अंतिम संस्कार बेटियां नहीं कर सकती। यह अब परंपरा खत्म हो गई है। बेटियां बेटों की तरह अपने माता-पिता को मुख्ग्नि देने लगी हैं। संतनगर में भी ऐसा होने लगा है जब बेटी और पिता ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।
बता दे रविवार को संत हिरदाराम नगर में रहने वाली कन्हैयालाल हरचंदानी की पत्नी आशा हरचंदानी का 42 साल की उम्र में बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनकी एक ही बेटी है। इसलिए अंतिम संस्कार की पूरी विधि बेटी कोमल ने अपने पिता के साथ मिलकर पूरी की। यथाशक्ति वैकुंडधाम पर तीसरा या चौथा मौका था, जब किसी बेटी ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया हो।
बेटियां तोड़ रहीं वर्जनाएं
पूज्य सिंधी पंचायत के महासचिव माधू चांदवानी का कहना है कि संतनगर में बेटियों बेटा न होने पर अपने माता-पिता के अंतिम संस्कार की परंपरा पूरी कर रही हैं। कोमल से पहले भी कई बेटियां अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं। तीन-चार बार ऐसी परिस्थियां बनी की बेटी का अंतिम संस्कार के लिए आगे आना पड़ा।

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