50 मिनट एक कलाकार और अर्जुन की पीड़ा

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करूणेश नाट्य समारोह का दूसरा दिन श्रेष्ठ रंगकर्म के सम्म्मान और कविराज लईक की एकल प्रस्तुति बृहन्नलला के नाम रहा।… वरिष्ठ रंगकर्मी रघुवीर यादव और वरिष्ठ पत्रकार गिरजा शंकर बतौर मेहमान समारोह का हिस्सा बने। करूणेश सम्मान वरिष्ठ रंगकर्मी संजय मेहता को और चन्द्रहास सम्मान वरिष्ठ संगीत रंगकर्मी मारिस लाजरस को दिया गया। रंगकर्म की आग चलाए रखने के चन्द्रहास के जज्बे को रंगकर्मियों ने बनाए रखने का संकल्प लिया।


भोपाल। तानाजी, वरिष्ठ रंगकर्मी

राजधानी भोपाल के शहीद भवन में द राइजिंग सोसायटी ऑफ आर्ट एंड कल्चर के 9वें करूणेश नाट्य समारोह में द परफार्मर्स कल्चरल सोसायटी उदयपुर राजस्थान की एकल प्रस्तुति बृहन्नलला का मंचन किया गया।

दो चरणों में हुए कार्यक्रम के पहले चरण में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें रंगकर्म में लगे वरिष्ठ रंगकर्मी संजय मेहता और मारिस लाजरस को प्रसिद्ध अभिनेता और रंकर्मी रघुवरी ने सम्मानित किया।

जहां गिरिजा शंकर ने रंगकर्म के लिए प्रतिबद्धता की तारीफ की, वहीं रघुवीर यादव ने कहा- वे रंगकर्म और रंगकर्मियों के बीच रहकर ऊर्जा इकट्‌ठी करने मध्यप्रदेश चले आते है, खासकर भोपाल। सम्मान के प्रतिउत्तर में संजय मेहता ने कहा कि चन्द्रहास ने रंगकर्म का सफर उनके सानिध्य में शुरू किया था, लेकिन दिल्ली के श्रीराम सेंटर और एफटीआई पुणे से लौटकर जो अभिनय, निर्देशन की आग अपने साथ लाए थे.. उसे साबित किया। जीवन के छोटे सफर में रंगकर्म के कैनवास पर कभी न मिटने वाली उपस्थिति दर्ज कराई। शो मस्ट गो ऑन की उनकी आग को राइजिंग सोसायटी के कलाकार जिंदा रखे हुए हैं। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत द राइजिंग सोसायटी आर्ट एंड कल्चर के सचिव अजय तिवारी और समूह प्रमुख प्रीति झा तिवारी ने किया।


दूसरे चरण में बृहन्नलला की प्रस्तुति में प्रेम पड़ी उर्वशी को अर्जुन ने दिया करू जाति की मां का दर्जा पूरी समग्रता के साथ दर्शकों के सामन आया। मंच पर लाइट और धुएं का प्रयोग विचारों प्रवाह देता नजर आया। वृहन्नलला में अर्जुन का द्वंद और एक कलाकार के कई किरदार की भूमिका के साथ न्याय देखने लायक रहा। 50 मिनट के नाटक में न तो पर्दा गिरा, कलाकार मंच से हटा। उसके भाव और अवाचिक नाट्य भाव जबरदस्त था। अर्जुन की पीड़ा की शुरूआत पानी के चेहरे पर गिरने के साथ हुई। मंच पर बल्व, धनुष, तलवार के साथ लईक ने अपने नाट्य धर्म को उचाइयों दीं। समारोह में मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक टीकम जोशी ने बृहन्नलला के कलाकार लईक को सम्मानित किया।


डायरेक्टर की बात

दूसरे करूणेश नाटय समारोह के बाद भोपाल आया हूं। लंबे अंतराल के बाद बृहन्नलला प्रस्तुत किया है। नाट्क में प्रयोग का सिलसिला बना हुआ है। पौराणिक पात्र और पृष्ठभूमित के साथ न्याय कर सकूं यह मेरी कोशिश रही। देश के प्रतिष्ठित मंचों पर नाटक का मंचन हो चुका है।


आज लम्हों की मुलाकात

तीसरे दिन 15 सितंबर गुरूवार को एमेच्योर जम्मू की प्रस्तुति लम्हों की मुलाक़ात होगी, जिसे लिखा है,झुनझुनवाला ने और निर्देशित किया है संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ निर्देशक मुश्ताक़ काक ने किया है।

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