संतनगर Exclusive

विश्रामघाट के विकास कार्यों की धीमी चल रहीं सांसें

– पूज्य सिंधी पंचायत ने जताई चिंता, निगम कमिश्नर से काम में गति लाने की मांग
– देखरेख के अभाव में फैली रहती है गंदगी, निगम कभी कभार लेता है सुध

संतनगर में यथा शक्ति से काम पूरा करने में रूचि नहीं ले रहा नगर निगम यथाशक्ति विश्रामघाट का। पांच करोड़ की लागत से चार साल पहले विकास कार्य शुरू हुआ था, जो काम हुआ है वह भी पुराना होता जा रहा है। देखरेख की औपचारिकता निभा रहा है नगर निगम। साफ-सफाई की किसी को नहीं है परवाह।

हिरदाराम नगर। बीउीसी न्यूज
चार साल से अधिक समय से पांच करोड़ से चल रहे यथा शक्ति विश्रामघाट के विकास कार्य पूरा होने का नाम नहीं ले रहे हैं, जो कुछ हुआ वह पुराना सा लगने लगा है। पूरे विश्रामघाट की देखरेख ट्रस्ट के दो कर्मचारी और कभी-कभार तैनात रहने वाले नगर निगम के 25 दिनी कर्मचारी के भरोसे है। साफ-सफाई की बात करें तो अंतिम संस्कार के समय अर्थी से हटाकर अलग की जाने वाली सामग्री दो महीने पड़ी रहती हैं।
विश्रामघाट पर अगले 25 साल की आबादी की जरूरत के हिसाब से विश्रामघाट को विकसित किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। कब पूरा होगा, कोई बताने की स्थिति में नहीं है। पूज्य सिंधी पंचायत ने विश्रामघाट के विकास कार्यों की धीमी रफ्तार और देखरेख की कमी पर चिंता जताई है। पंचायत महासचिव माधु चांदवानी ने कहा कि राजधानी के सुभाषनगर विश्रामघाट की तरह संतनगर के विश्रामघाट को बनाए जाने की बात कही थी, काम भी शुरू हुआ, लेकिन जिस तरह काम हो रहा है, उससे यह कोई नहीं कह सकता कम विश्रामघाट पूरी तरह तैयार होगा।
यह होना किया है तय
विकास के लिए तैयार नक्शे पर नजर डाले तो विश्रामघाट के प्रवेश द्वार के पास ही विश्रामघाट समिति का कार्यालय बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसके साथ ही अस्थियां रखने के लिए रूम बनाया जाएगा, जिसमें संचय के बाद अस्थियां रखी जा सकें। साथ ही विश्रामघाट में मंदिर और वहां मूर्तियां एक साथ लगाई जाएंगी। बड़ा सभागार भी बनाया जाएगा। विश्रामघाट के अंतिम छोर पर अंतिम संस्कार के समय नहाने के लिए व्यवस्था की जाएगी। यह अभी नहीं हुआ है। निगम ने विश्रामघाट को पूरी तरह बदलने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। विश्रामघाट पर बड़ा पार्किंग स्थल बनाया जाना है, जिसमें 50 चार पहिया और 100 दो पहिया वाहन पार्क किए जा सकें।
यह हुआ है
शेड बने हैं, उतारा स्थल बना है, सड़कें बनीं हैं, छोटा शोक सभागार बना है।

देखरेख का अभाव
विश्रामघाट की देखरेख के लिए विश्रामघाट ट्रस्ट ने दो कर्मचारी रखे हैं, जिन्हे चार-चार हजार मासिक वेतन दिया जाता हैं, जो लकड़ी काटने और देखरेख का काम करेंगे। नगर निगम अपनी जिम्मेदारी की औपचारिकता करता है, एक अस्थायी कर्मचारी को तैनात किया गया है, जो कभी भी यहां-वहां भेज दिया जाता है। साफ-सफाई के हालात यह है कि महीनों अंतिम संस्कार के समय अर्थी से हटाई जाने वाली सामग्री नहीं हटाई जाती।

काम तेजी लाई जाए

0 विश्रामघाट का विकास प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस ओर सबका ध्यान नहीं है। चार साल का वक्त कम नहीं होता विकास के लिए, लेकिन अभी भी कोई यह नहीं कह सकता काम कब पूरा होगा। पंचायत नगर निगम कमिश्नर से अपेक्षा करती है कि विकास कार्य में तेजी लाई जाएगी।
माधु चांदवानी, महासचिव, पूज्य सिंधी पंचायत

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