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उमा भारती त्यागेंगी परिवार… दीदी मां कहलाएंगी

भोपाल । भोपाल डॉट कॉम
भाजपा की फायर ब्रांड नेता और एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने आध्यात्मिक जीवन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कहा- संन्यास के 30 साल पूरा होने के साथ वह परिवार के सभी बंधनों से मुक्त हो रही हैं
उमा भारती ने ट‌्वीट कर ऐलान किया कि अब उन्हें ‘दीदी मां’ कहा जाएगा। गुरु ने आदेश दिया था कि मैं सभी व्यक्तिगत संबंधों और संबोधनों को त्याग दूं और केवल दीदी मां कहलाऊं, जिससे पूरा विश्व समुदाय मेरा परिवार बन जाए। मैंने तय किया है कि संन्यास दीक्षा के 30वें वर्ष में मैं गुरू की आज्ञा का पालन करना शुरू कर रही हूं।
नर्मदा के तट पर ली थी दीक्षा
उमा भारती ने 17 नवंबर 1992 को उडुपी, कर्नाटक के कृष्ण भक्ति संप्रदाय के महान संत – श्री विश्वेश तीर्थ महाराजा (पेजावर स्वामी) से अमरकंटक में नर्मदा के तट पर दीक्षा ली थी। उमा ने कहा, “जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज अब मेरे लिए गुरुवर हैं।
17 नवंबर को ऐलान
17 तारीख को पारिवार से मुक्त होने का उमाश्री ऐलान करेगी। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, मैंने भी निश्चय किया था कि, अपने संन्यास दीक्षा के 30 वें वर्ष के दिन मैं गुरू की आज्ञा का पालन करने लग जाऊंगी. यह आज्ञा उन्होंने मुझे दिनांक 17 मार्च, 2022 को रहली, जिला सागर में सार्वजनिक तौर पर माइक से घोषणा करके सभी मुनि जनों के सामने दी थी।
आठ को अमरकंटक पहुंचेगी
आठ नवंबर पूर्णिमा को अमरकंटक पहुंचेंगी उमा भारती। उन्होंने कहा किदेव प्रबोधनी एकादशी शुक्रवार को उन्हें अमरकंटक पहुंचना था, लेकिन वे अपरिहार्य कारणों से भोपाल में हैं। पूर्णिमा के चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को वे अमरकंटक पहुंच जाएंगी। चूंकी 17 नवंबर 1992 को अमरकंटक में ही उनकी संन्यास दीक्षा हुई थी। उनके गुरु ने दीक्षा के समय उनसे व उन्होंने अपने गुरु से तीन प्रश्न किए थे, उसके बाद ही संन्यास दीक्षा हुई थी।

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