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कूनो आ रहे नामीबिया के चीते… PM करेंगे शुभारंभ


CM शिवराज मीटिंग…. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का आना राष्ट्रीय महत्व का काम…. प्रधानमंत्री को “एक जिला-एक उत्पाद” और स्व-सहायता समूह की बहनों की उद्यमशीलता से करवाएंगे अवगत….मुख्यमंत्री ने की प्रधानमंत्री मोदी की श्योपुर जिले की यात्रा की तैयारियों पर चर्चा

भोपाल : BDC NEWS
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से चीते लाकर उन्हें बसाने का काम तय मानकों के हिसाब से किया जा रहा है, यह राष्ट्रीय महत्व का काम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इसका शुभारंभ 17 सितम्बर को करेंगे।
यह बात CM ने अपने निवास पर पीएम के श्योपुर जिले के भ्रमण के संबंध में की जा रही तैयारियों की जानकारी लेते हुए कही।
कार्यक्रम की रूपरेखा पर हुआ विमर्श
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा में मुख्य रूप से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के प्रवेश करवाने और कराहल में स्व-सहायता समूह की बहनों के सम्मेलन का कार्यक्रम निर्धारित है। इस मौके पर विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश के जिलों में ओडीओपी में किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति भी शामिल रहेगी। मुख्य रूप से मुरैना जिले में सरसों तेल, शिवपुरी जिले में मूंगफली तेल, चंदेरी में तैयार अंगवस्त्र, शिवपुरी में बनाए गए जैकेट, डिण्डौरी की गोंडी चित्रकला और‍मिलेट उत्पाद की गतिविधियों एवं इनके उत्पादन और निर्माण आदि से जुड़े कार्यों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी जाएगी।
चीतों के लिए कूनो में तैयारियाँ
कूनो राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से लगे हुए गाँव में पशुओं के टीकाकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। क्षेत्र के समस्त गाँव में जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। यहाँ चीतों के रहवास के लिए अनुकूल परिस्थितियों का विकास किया गया है। पानी की व्यवस्था के साथ आवश्यक सिविल कार्य भी पूरे किए गए हैं। कूनो में वन्य-प्राणियों का घनत्व बढ़ाने के लिए नरसिंहगढ़ से चीतल लाकर छोड़े गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार क्षेत्र में शिकार का घनत्व चीतों के लिए पर्याप्त है। नर चीते दो या दो से अधिक के समूह में साथ रहते हैं। सबसे पहले चीतों को दो-तीन सप्ताह के लिए छोटे-छोटे पृथक बाड़ों में रखा जाएगा। एक माह के बाद इन्हें बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा बड़े बाडों में चीतों के अनुकूलन संबंधी आंकलन के बाद पहले नर चीतों को और उसके पश्चात मादा चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इस संबंध में आवश्यक प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
चीतों के लिये कूनो पाया गया सबसे अनुकूल
जानकारी दी गई कि वर्ष 1952 में भारत में चीता विलुप्त घोषित किया गया था। वर्ष 2009 में चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। वर्ष 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 10 स्थलों में कूनो अभ्यारण्य जो वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान है, सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया। भारत में विलुप्ति की कगार पर पहुँचे चीतों की प्रतिस्थापना के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल और गाइडलाइन के अनुसार कार्य होगा। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो के राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वंच्छद वितरण के लिए उपयुक्त हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
प्रदेश में संचालित होंगी कल्याणकारी गतिविधियाँ
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस 17 सितम्बर पर श्योपुर में दो प्रमुख कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी शामिल हो रहे हैं। शेष जिलों में विभिन्न विभाग जन-कल्याणकारी गतिविधि कर इस अवसर को खुशी देने का माध्यम में बनाएं।
स्रोत एमपी इंफो

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