क्यों भरोसा नहीं कर सकी बीजेपी अपने छह सांसदों पर

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अजय तिवारी . भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
पहली 24 की सूची में भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में अपने छह पुराने सांसदों पर भरोसा नहीं कर सकी। प्रदेश की पांच सीटें होल्ड पर रखी हैं। प्रत्याशी चयन में पार्टी ने स्टेट लीडरशिप की राय का पूरा ध्यान रखा है। विधानसभा चुनाव के बाद हासिए पर शिवराज सिंह चौहान की सेवाएं पार्टी कहां लेना चाहती है, यह पूरी तरह साफ हो गया है। जानिए क्यों ना पसंद हुए छह सांसद….

राजधानी की दशकों से भाजपा के लिए सुरक्षित सीट रही राजधानी की भोपाल सीट पर पहली बार टिकट पाने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस के सीनियर लीडर को बड़े अंतर से हराया था। लेकिन, उनकी जीत के पहले ही वह नेतृत्व की नापसंद हो गई थी। दरअसल प्रज्ञा ने 2019 के चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में महात्मा गांधी पर टिप्पणी कर नरेन्द्र मोदी को नाराज कर दिया था। पांच साल के संसदीय में वह भोपाल में ऐसा उल्लेखनीय काम नहीं कर सकीं, जिससे पार्टी उन पर 2024 के चुनाव में भरोसा करती। पार्टी ने विधानसभा चुनाव हारे भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा पर भरोसा जताया है।

कांग्रेस से भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद से केपी यादव का राजनीतिक कॅरियर बतौर सांसद आगे नहीं बढ़ेगा यह लगभग तय हो गया था। उनके कामों ने भी कई बार पार्टी असहज किया। वे सिंधिया समर्थकों से पटरी नहीं बिठा पा रहे थे। हालहिया विवाद की बात करें तो गुना में पास्टपोर्ट कार्यालय का उद्घाटन था, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यालयका उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन केपी यादव ने बिना किसी कार्यक्रम के कार्यालय का उद्घाटन कर दिया था। मामले में पार्टी उनसे नाराज हो गई थी।
विदिशा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए सांसद रमाकांत भार्गव पार्टी के लिए प्राथमिकपूर्व सीएम शिवराज के करीबी माने जाते हैं। शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद से ही चर्चा चल रही थी कि उनको पार्टी केंद्र में लेकर जाएगी। विदिशा से शिवराज को टिकट देने को लेकर लंबे समय से चर्चा थी। शिवराज विदिशा से पांच बार सांसद रह चुके हैं।

ग्वालियर सीट पर सांसद विवेक शेजवलकर का टिकट काटने की वजह बदलाव और अधिक उम्र होना है। पार्टी ने पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है।

सागर से राज बहादुर सिंह के टिकट कटने के वजह स्थानीय नेताओं की नाराजगी है। कहा जा रहा है पार्टी के फीडबैक ने बदलाव तय कर दिया था। यहां से पार्टी ने महिलाओं वोटरों को साधा है बीजेपी ने महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लता वानखेड़े को उम्मीदवार बनाया है।

सांसद जीएस डामोर का टिकट कटना विधानसभा चुनाव से ही तय हो गया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बेहतर प्रदर्शन किया था। डामोर पर भरोसा करके सीट गंवाना नहीं चाहती थी। पार्टी ने वन मंत्री नागर सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है।

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