Bhopal News : प्राइवेट स्कूल नहीं करते स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों की परवाह
BDC NEWS. भोपाल अजय तिवारी
स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश की प्राइवेट स्कूलों को कोई परवाह नहीं है। फीस और किताबों की सूची सार्वजनिक (अपलोड) करने के आदेश के पालन की बात करें तो एक दर्जन स्कूलों ने ही अपनी साइड पर अपलोड की है। कापी किताबों पर स्कूल के मोनो नहीं है, लेकिन हर स्कूल की किताबें तय दुकान पर ही मिल रही हैं। दुकानों पर अभिभावकों को स्कूलों की अपने स्तर लगाई गईं किताबें तो बराबर मिल रही हैं, लेकिन सीबीएसई कोर्स की एनसीआरटी (NCRT) की किताबें आउट ऑफ स्टॉक हैं। सच्चाई यह है कि इन किताबों पर कमाई और कमीशन नहीं है।
आदेश की बेपरवाही
बता दे आठ फरवरी को प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने फीस विनियमन अधिनियम 2020 कानून का पालन करने को कहा था। प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को फीस, पाठ्यक्रम और किताबों की जानकारी देनी थी। आदेश के पालन को लेकर गंभीरता की बात करें तो भोपाल में संचालित 320 से अधिक स्कूलों में से केवल एक दर्जन स्कलों ने यह जानकारी सार्वजनिक की।
अब कार्रवाई बेमतलब
दिलचस्प बात है कि जिला स्तर पर इसकी निगरानी करने वाले तंत्र को पालकों की ओर से शिकायत आने का इंतजार है। एक अप्रैल से शहर के ज्यादातर स्कूल खुल रहे हैं। अभिभावकों के साथ बुक सेलर और स्कूल चलाने वाले अपना खेल कर चुके हैं। अभिभावकों का कहना है अब कार्रवाई को कोई मतलब नहीं है।
क्या दिए थे निर्देश
- स्कूलों को सत्र 2023-24 के लिए नियत की गई फीस की जानकारी कक्षावार विभिन्न मदों में पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
- बीते तीने सालों के बजट की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
- बैलेंस शीट, प्राप्ति एवं भुगतान पत्रक, आय-व्यय शेड्यूल सहित अंकेक्षण प्रतिवेदन अपलोड करना था।
- ऐसा करने के बाद निजी स्कूलों द्वारा 100 रूपये के गैर न्यायिक स्टांप पेपरों पर आवश्यक वचन पत्र भी अपलोड करना होगा।
- (यह आदेश राज्य शासन ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय 2017 एवं नियम-2020 के तहत जारी किए थे।)
समिति ही नहीं बनी भोपाल में
जिले में स्कूलों को फ़ीस बढ़ाने से पहले कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को स्कूल संचालकों को फीस, कापी-किताब व पाठ्यक्रम से संबंधित पूरी जानकारी देनी होती है, लेकिन समिति ही नहीं है।