मध्य प्रदेश

बाघिन एन 6 को पसंद आ गया दमोह का जंगल, वन विभाग की निगरानी

तेंदूखेड़ा और तेजगढ़ मे जमाया डेरा, लगातार कर रही शिकार


दमोह.रंजीत अहिरवार BDC NEWS
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में बाघिन एन-6 ने अपना ठिकाना बना लिया है। यह पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई थी और अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में घूम रही है। वन विभाग इसकी निगरानी कर रहा है और इसे आईडी कॉलर लगाया गया है। हाल ही में इसने शिकार भी किया है। नौरादेही अभ्यारण्य की तीसरी बाघिन एन-6 यहां डेरा जमाए हुए है। यह पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन, बीते एक सप्ताह से लगातार क्षेत्र में घूम रही है और शिकार कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि यह अब अपनी टेरिटरी यहीं बनाएगी।

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक का 70% हिस्सा रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, जहां वर्तमान में 23 बाघ निवास कर रहे हैं। इनमें से एन-6 नई है, जिसे 4 फरवरी को यहां छोड़ा गया था। यह पहले नौरादेही रेंज में छोड़ी गई थी, लेकिन अब यह तेंदूखेड़ा उप वनमंडल के जंगलों में घूम रही है। बीते एक सप्ताह में इसने तेजगढ़ और झलौन वन परिक्षेत्रों में शिकार किए हैं। वन विभाग की टीम लगातार इस बाघिन पर नजर रख रही है। डीएफओ डॉ. एए अंसारी, दमोह डीएफओ ईश्वर जरांडे और टाइगर रिजर्व एसडीओ प्रतीक कुमार दुबे के नेतृत्व में इसे मॉनिटर किया जा रहा है। एन-6 की गतिविधियों की निगरानी के लिए इसे आईडी कॉलर लगाया गया है, जिससे इसकी सही लोकेशन का पता चलता रहेगा।

चार बाघों के गले में कॉलर आईडी

रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में रहने वाले 23 बाघों में से केवल चार बाघों के गले में कॉलर आईडी हैं, जबकि 19 बाघों की लोकेशन वन विभाग उनकी पदचिह्नों से ट्रैक करता है। टाइगर रिजर्व के जंगलों में इस तरह बाघों की संख्या बढ़ना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वन विभाग ने बताया कि एन-6 रोजाना 40-50 किमी क्षेत्र में घूम रही है और उसके अनुकूल वातावरण को देखते हुए माना जा रहा है कि यह अब यहीं अपनी स्थायी टेरिटरी बना लेगी।
भोपाल डाट कॉम ब्यूरो

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