Budget … हर वर्ग का रखे वित्तमंत्री ख्याल, बड़े लोगों पर न हो मेहरबान
- 1 फरवरी को पेश होगा वित्त वर्ष 2025-26 का बजट
- सरकार नए टैक्स रिजीम में छूट देने के पक्ष में नहीं
- लिमिट बढ़ाने और स्लैब बदलाव से मिल सकती है राहत
भोपाल. BDC NEWS
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने साली 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करेंगी। माना जा रहा है इसमें टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है। इस बीच सरकार नए टैक्स रिजीम में किसी भी तरह की रियायत देने के पक्ष में नहीं है लेकिन वह टैक्स की सीमा बढ़ाने और स्लैब में फेरबदल के माध्यम से रियायत देने पर विचार कर रही है। बजट से क्या उम्मीद है, इसे लेकर डायरेक्टर एससीआई आनंद सबधानी ने BDC NEWS से आम आदमी की अपेक्षाएं रखीं।
सबधाणी ने कहा, बजट जन कल्याणमुखी होना चाहिए। हर वर्ग का ख्याल रखे जाने की बातें होती है, लेकिन बजट में आंकड़ों का खेल आमतौर पर देखने को मिलता है। मेरा मानना है बड़े-बड़े बिजनेसमैन की लाखों-करोड़ों की क़र्ज़ माफ़ी योजना बंद होनी चाहिए। पेट्रोल एवं डीजल को भी जी.एस.टी के दायरे में लाना चाहिए। टैक्स फ्री इनकम टैक्स के स्लैब को दस लाख तक कर देना चाहिए। रोजाना उपयोग में आने वाले घरेलू वस्तुओं एवं खाद्य पदार्थों पर लगने वाला जी.एस.टी खत्म किया जाना चाहिए। घरेलू बिजली के बिल एवं डोमेस्टिक गैस सिलेंडर में सब्सिडी दी जानी चाहिए। देश के अन्नदाता किसानों के कर्ज को माफ़ ना करते हुए, खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाए, इस ओर कार्य करना चाहिए।
टैक्स स्लैब में बदलाव
सबधाणी ने कहा, पिछले साल सीतारमण ने सैलरीड क्लास के लिए स्डैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था और स्लैब में भी संशोधन किया था। उन्होंने तब दावा किया था कि इन उपायों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपये का लाभ होगा। इस बार भी सरकार में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि सभी करदाताओं को इसमें राहत दी जा सकती है। मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने की मांग को देखते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव पर भी चर्चा हुई है।
हेल्थ इंश्योरेंस में छूट
सबधाणी ने कहा, एक तरफ केंद्र सरकार नए टैक्स रिजीम में स्लैब्स में बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है तो दूसरी ओर हेल्थ इंश्योरेंस तथा पेंशन जैसे खर्चों पर टैक्स में छूट देने की भी मांग की जा रही है। इसे भारत जैसे देश में महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर सभी को खुद ही इसके लिए जूझना पड़ता है। कुछ वर्ग पुराने टैक्स रिजीम को खत्म करने की मांग कर रहे हैं जो उन टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद है जो एचआरए और होम लोन क्लैम करते हैं।
भोपाल डॉट कॉम, ब्यूरो