निवेश के नटवरलाल, कागजों में दिखाएं कमाल… किसने कहा GIS को लेकर जानिए…
भोपाल, अजय तिवारी,BDC News
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने वैश्विकनिवेशक शिखर सम्मेलन (GIS) को लेकर कहा निवेश के नटवरलाल, कागजों में दिखाएं कमाल, जमीन पर सब गोलमाल बीजेपी का छलावे का निवेश, इसलिए पिछड़ा है मध्य प्रदेश। डॉ. मोहन यादव की सरकार में भारी भरकम खर्च किया जा रहा है। करोड़ों रुपए खर्चकरके उद्योगपतियों और निवेशकों की मेजबानी करने की तैयारी है। जैसा पिछली छह बारकिया गया वैसा ही इस बार भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर सरकारी खजाने को खाली किया जा रहा है। हर माह करीब 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज लेने वालीसरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर पानी कीतरह पैसा बहा रही है। लेकिन वर्ष 2003 से लेकर अब तक पिछले 6 ग्लोबलइन्वेस्टर्स समिट का रिकॉर्ड देखे तो जमीन पर मामला शून्य नजर आता है।
2003 से लेकर वर्ष 2016 तक पांच इन्वेस्टर्स समिटमें 17 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव का दावा किया गया।
इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 में शिवराज की सरकार ने राज्य में लगभग15 लाख 40 हज़ार करोड़ के निवेश का दावा किया गया।
हकीकत यह है कि 2003 से लेकरवर्ष 2023 तक 6 इन्वेस्टर्स समिट में 32 लाख 45 हजार करोड़ के दावे के मुकाबले जमीन पर केवल 3 लाख 47 हजार करोड़ का आकड़ा ही सामने आया जो सरकार को प्राप्त कुल निवेश प्रस्ताव का 10% है।
हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश में निवेश प्रस्ताव के मुकाबले कुल 3% हीनिवेश आने का संकेत कई रिपोर्ट देती हैं।
- रोजगार (सरकारी दावे) 2007 1.20 लाख करोड़ 17311 करोड़ 14% 49750
- 2010 2.35 लाख करोड़ 26879 करोड़ 11% 25000
- 2012 3.50 लाख करोड़ 26054 करोड़ 7% 31530
- 2014 4.35 लाख करोड़ 49272 करोड़ 11% 38750
- 2016 5.63 लाख करोड़ 32597 करोड़ 5% 92700
- 2023 15.42 लाख करोड़ 1.95 लाख करोड़ 12% 38000
- कुल 32.45 लाख करोड़ 3.47 लाख करोड़ 10% 2.75 लाख
कांग्रेस नेताओं के बोल
- प्रदेश में पहला इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2007 में हुआ, इसमें 102 एमओयू हुए सरकार ने दावा किया कि 17,311 करोड़ से ज्यादा का का निवेश आया।लेकिन जमीन पर 1700 करोड़ का निवेश भी नहीं हुआ।
- दूसरा इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2010 में हुआ, इसमें109 एमओयू हुए, 26,879 करोड़ से अधिक निवेश का दावा किया गया लेकिन हकीकत यह रही कि जिन उद्योगपतियों को जमीन दी उनसे वापस लेना पड़ी या उन्होंने लौटा दी।
- तीसरा इन्वेस्टर्स समिट- अक्टूबर 2012 में हुआ, 425एमओयू हुए, 26,054 करोड़ के निवेश का दावा किया गया। पीथमपुर को छोड़कर प्रदेश मेंकहीं कोई नया उद्योग नहीं लगा। मुश्किल से 1500 करोड़ का निवेश हुआ।
- चौथा इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2014 में हुआ, 3,160एमओयू हुए, 49,272 करोड़ के निवेश का दावा किया गया लेकिन यह निवेश भी कहीं जमीन पर नहीं देखा मध्यप्रदेश में बेरोजगारों का दूसरे राज्यों में जाना जारी रहा।
- पांचवां इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2016 में हुआ,2,635 एमओयू हुए, 32,597 करोड़ के निवेश का दावा यह कहते हुए किया गया कि बेंगलुरुके बाद मध्य प्रदेश साइबर हब बन जाएगा । लेकिन दावे खोखले साबित हुए।
- छठा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 11 एवं 12 जनवरी 2023 को इंदौर में हुआ जो शिवराज का महा झूठा चुनावी झुनझुना साबित हुआ। लगभग 15 लाख 40 हज़ार करोड़ के निवेश और 29 लाखरोजगार सृजन का दावा किया।
भोपाल डॉट कॉम, ब्यूरो