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कोर्ट का आदेश…. EX MLA जितेन्द्र डागा पर चलेगा मर्डर का केस

हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक रहे जितेन्द्र डागा को 2009 में हुए रूसिया मौत मामले में फिर कानूनी लड़ाई लड़ना होगी। गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया है…
भोपाल। 03 नवंबर 2021
यूपी की गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट के आदेश से पूर्व विधायक जितेन्द्र डागा पर मर्डर का केस चलेगा। मामला बीडीए के तत्कालीन सीईओ एमजी रूसिया की 2009 में हुई मौत का है।  कोर्ट ने 2013 की क्लोजर रिपोर्ट का खारिज कर दिया है।
आपको बता दे भोपाल विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ मदन गोपाल रूसिया की 2009 में हुई मौत पर 12 साल बाद उत्तरप्रदेश की गाजियाबाद सीबीआइ कोर्ट का आदेश आया है। कोर्ट ने भोपाल के पूर्व विधायक जितेंद्र डागा पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया है।
रूसिया के बड़े भाई ओमप्रकाश रूसिया का कहना है कि भोपाल के भूमाफियाओं और कुछ नेताओं ने मिलकर उनके भाई की हत्या की थी। इनमें पूर्व विधायक जितेंद्र डागा व उस समय के एक मंत्री भी शामिल थे। सीबीआइ ने इस मामले में आरोपितों को क्लीनचिट देते हुए खात्मा का प्रस्ताव 2013 में दे दिया था। हम तब भी सीबीआइ की जांच रिपोर्ट से सहमत नहीं थे और हमने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए न्याय की मांग की थी।
क्या है पूरा मामला
ओमप्रकाश रूसिया ने बताया कि होशंगाबाद रोड पर विद्या नगर फेज तीन में 2009 में बीडीए की विकास योजना आई थी। उस दौरान अपनी योजनाओं के लिए बीडीए भूमि अधिग्रहित करके तत्‍कालीन शासकीय मूल्य से किसानों को भुगतान करता था। विद्या नगर की इस योजना में पूर्व विधायक जितेंद्र डागा समेत कई किसानों की जमीन आ रही थी। इसी जमीन को अधिग्रहण से छुड़वाने के लिए डागा और मेरे भाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील से सलाह लेने के लिए दिल्ली गए थे। 10 सितंबर, 2009 को वे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से भोपाल लौटने के लिए ट्रेन से रवाना हुए थे। अगले दिन मेरे भाई का शव आगरा रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा मिला था।
पुलिस ने दुर्घटना बताया था
पुलिस ने इसे दुर्घटना बताया था, लेकिन हम परिवार वालों को पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। हमने भाई की हत्या की आशंका जाहिर की थी। भाई के बीडीए के सीईओ रहते भोपाल के कई इलाकों में विकास योजनाएं शुरू हुई थीं और उन पर भूमाफिया व प्रदेश सरकार के एक तत्कालीन मंत्री का भी योजनाओं से जमीन बाहर करने के लिए बड़ा दबाव था।

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