भोपाल

क्यों हारे… जानने कमलनाथ ने किया जिम्मेदारों को तलब

 

  • उपचुनाव में हार को लेकर समीक्षा बैठक मंगलवार को… मंथन को लेकर कहे तो राजनीतिक दलों को समझना चाहिए, जनता बोझ देती है तो जीत जाते हैं, वोट नहीं देती है तो हार जाते हैं… हां कुछ दगाबाजों का भी खेल हाेता है हार में

भोपाल। 08 नवंबर 2021

चुनाव में हार के बाद मंथन सियासत में कर्मकांड की तरह है, जो खेत रही पार्टी के नुमाइंदों को पूरा करना पड़ता है। यह एक ऐसा कर्मकांड है, जिसमें जो हुआ उसे सुधार नहीं जा सकता, लेकिन हार के कारणों से सबक लेकर भूल सुधार का दस्तावेज तैयार किया जाता है। मंथन की शुरूआत कौन ने भितरघात किया… कौन की नाराजगी भारी पड़ी…कौन निष्क्रिय रहा जैसे तमाम चर्चा के साथ होती है। कुछ नाम सामने रखे जाते हैं और हारे हुए प्रत्याशी की अपेक्षा होती है, उन पर कार्रवाई हो।

उपचुनाव में अपनी परंपरागत दो सीटें गंवाने के बाद पार्टी के प्रदेश प्रमुख कमलनाथ मंथन का कर्म कांड पूरा करने जा रहे हैं। 9 नवंबर को उम्मीदवारों के साथ चुनाव प्रभारियों, सह प्रभारियों और सन्वयकों को बुलाया गया है।

बता दें कि कांग्रेस को खंडवा लोकसभा के अलावा पृथ्वीपुर और जोबट सीट पर हार मिली है। यह दोनों सीटें कांग्रेस की परंपरागत सीटें थीं। हालांकि, रैगांव विधानसभा सीट कांग्रेस ने 31 साल बाद भाजपा से जीती है। खंडवा में पूरी ताकत लगाने के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के पास महंगाई, बेरोजगारी, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार व अन्य मुद्दे भी थे, लेकिन कांग्रेस न मुद्दों को भुना पाई। भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का भी कांग्रेस को फायदा नहीं मिला। खंडवा में कांग्रेस को अंतर्कलह ले डूबा। एन वक्त पर उम्मीदवारी से कदम पीछे खींचने वाले अरूण यादव सक्रिय रहे लेकिन उनके साथियों ने साथ नहीं दिया। हार को लेकर कमलनाथ हाईकमान के सामने पेश हो चुके हैं। समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस में कुछ नेताओं अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी।

सदस्यता पर चर्चा

बैठक में कांग्रेस के सदस्यता अभियान, मंडल सेक्टर स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने और उपचुनाव में हार पर चर्चा होगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है आगे के चुनावों के लिए समीक्षा बैठक जरूरी है।

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