मध्यप्रदेश में हिन्दी में पढ़ाए जाएंगे पाठ्यक्रम
हिन्दी दिवस: देश-विदेश के हिन्दी सेवी हुए सम्मानित
भोपाल : BDC NEWS
हिन्दी का प्रयोग न करने और कम प्रयोग करने का कार्य एक तरह की मानसिक गुलामी का प्रतीक भी है। इस भाव को देश से बाहर निकालना आवश्यक है। हिन्दी के साथ ही हमारे देश में अनेक भाषाएँ हैं। इनके उपयोग के साथ ही राजभाषा में पूरा कामकाज किए जाने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में हिन्दी को भरपूर प्रोत्साहन दिया गया है। सहज और सरल हिंदी का उपयोग करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वें रवीन्द्र भवन सभागम में हिंदी भाषा सम्मान अलंकरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के हिंदी सेवियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि हिंदी का उपयोग करने में हमें पीछे नहीं रहना चाहिए। खुल कर हिंदी बोलें। अपने घर में भी अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करें। परिवार के सदस्य हिंदी बोलने में कंजूसी न करें और अंग्रेजी के शब्दों के बोझ से अपनी आत्मा को न दबाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने संसद में भी अनेक सांसद को अंग्रेजी में अपनी बात कहते देखा है। शायद वे मानते हैं कि अंग्रेजी बोलेंगे तो हमारा अलग रूतबा होगा। मध्यप्रदेश में गांधी मेडिकल कालेज, भोपाल में चिकित्सा की पढ़ाई इसी सत्र से हिन्दी में प्रारंभ कर रहे हैं। साथ ही इंजीनियरिंग और विज्ञान तकनीकी से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों को भी हिंदी में पढ़ाने की शुरुआत राज्य में की जाएगी।
गर्व से करें हिंदी का उपयोग
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि हम सब को गर्व से हिंदी भाषा का उपयोग करना चाहिए। हिंदी हमारी मातृ भाषा, पहचान और हमारी संस्कृति का प्राण है। हिंदी भाषा में करीब 50 लाख शब्द है। वर्णमाला के 52 अक्षरों के साथ हजारों पर्यायवाची शब्दों को समाहित करती हिंदी जैसी विश्व में कोई दूसरी भाषा नहीं है।
- बारह हिन्दी सेवी हुए सम्मानित
- सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान जयदीप कर्णिक को वर्ष 2019 के लिए
- नई दिल्ली की ऋतम संस्था को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान से सुश्री डॉ. अर्चना पैन्यूली डेनमार्क को वर्ष 2018 के लिए
- डॉ. कृष्ण कुमार बर्मिघम को वर्ष 2019 के लिए रोहित कुमार “हैप्पी” न्यूजीलैंड को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान से सुश्री आनी मांतो पेरिस को वर्ष 2018 के लिए
- डॉ. बीरसेन जागा सिंह मारीशस को वर्ष 2019 के लिए
- प्रो. हिदेआकि इशिदा टोकियो को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया
- राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान से वर्ष 2019 के लिए पदमाकर धनंजय सराफ भोपाल को
- वर्ष 2020 के लिए डॉ. संतोष चौबे भोपाल को सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान से डॉ. शीला कुमारी त्रिवेंद्रम को वर्ष 2019 के लिए
- सुधीर मोता भोपाल को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया। इन सभी सम्मानों में प्रत्येक सम्मानित को एक-एक लाख रूपये की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शाल-श्रीफल प्रदान किया गया।
कवि सम्मेलन
कवि श्री अशोक चक्रधर नई दिल्ली, कीर्ति काले नई दिल्ली, डॉ. विनय विश्वास नई दिल्ली, विष्णु सक्सेना अलीगढ़ और मधु मोहिनी उपाध्याय नोएडा ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को आनंदित किया। प्रमुख सचिव संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। सम्मानित हिंदी सेवियों का प्रशस्ति वाचन संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संचालन विनय उपाध्याय ने किया।