संविदा कर्मचारियों को हर साल अनुबंध से मिला छुटकारा
भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मध्यप्रदेश के भव्य भवन का निर्माण हो रहा है और इसकी नींव के पत्थर संविदा कर्मचारी हैं। इन्होंने नियमित कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर और कहीं-कहीं उनसे भी अधिक कार्य किया है। संविदा कर्मचारियों की क्षमताएँ, सेवाभाव और कार्यकुशलता किसी से कम नहीं है। इस नाते इनके जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करना आवश्यक है। यदि आज मध्यप्रदेश नंबर-वन है तो इसके लिये विभागों में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों ने आगे बढ़ कर कार्य किया है। ये मध्यप्रदेश के लिए दाएं-बाएं हाथ और दिल की तरह हैं। मुख्यमंत्री राजधानी में संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
- मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएँ
- संविदा कर्मचारियों की सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त होगी।
- संविदा कर्मचारियों को समय-सीमा में नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
- संविदा कर्मचारियों को वेतन/मानदेय में पूर्व में निर्धारित 90 प्रतिशत के स्थान पर शत-प्रतिशत राशि प्रदान की जाएगी।
- संविदा कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक गणना संबंधी कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
- संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ भी मिलेगा ।
- संविदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाएगी।
- विभागों में नियमित पदों पर भर्ती में 50% पदों पर संविदा कर्मचारियों को आरक्षण रहेगा।
- संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश के साथ मातृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा।
- संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह आकस्मिक, अर्जित और ऐच्छिक अवकाश मिलेंगे।
- कुछ कारणों से संविदा कर्मचारियों के काटे गए वेतन की राशि वापस की जाएगी। कोई केस नहीं चलेगा।
मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट हों, लैब टेक्नीशियन हों, ए.एन.एम. हों, स्टाफ नर्स हों या विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारी, जो मध्यप्रदेश को उजाला देने का कार्य कर रहे हैं, सभी ने अपने दायित्व को बेहतर अंजाम दिया है। प्रदेश का सम्मान बढ़ाया है। ये सभी नींव के पत्थर हैं। जिस तरह मंदिर पर कलश दिखाई देता है, वे कलश जिस गुंबद पर टिका है, वह दीवारों पर टिका होता है। ये दीवारें नींव पर टिकी होती हैं। संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों की तरह अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है। प्रदेश के हित में नियमित और संविदा कर्मचारियों ने कुशलता से दायित्व निर्वहन किया है। मध्यप्रदेश इसलिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की विकास दर 16 प्रतिशत है, जो राज्यों में सर्वाधिक है। प्रति व्यक्ति आय, बजट के आकार, सड़कों का जाल बिछाने, सिंचाई साधन बढ़ाने, सीएम राइज विद्यालय प्रारंभ करने जैसे सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश काफी आगे है।
मामा के बाद बने लाड़ले भाई
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मामा के रूप में तो पहचान बनाई ही है, आज वे लाड़ले भइया की नई पहचान बना रहे हैं। चाहे स्वास्थ्य विभाग हो या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास या अन्य विभाग हों, संविदा कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण सेवाएँ दी हैं। गरीब कल्याण योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए निरंतर एक माह घर-घर पहुँचकर नागरिकों से सम्पर्क किया गया और 85 लाख हितग्राहियों को योजनाओं से जोड़ा गया। डॉ. चौधरी ने कहा कि किसी समय शिक्षा कर्मी के रूप में छोटे से वेतन पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी आज का दिन अपने लिए सौभाग्य का दिन मान रहे हैं। बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के ए.एन.एम. संविदा कर्मचारियों में शामिल हैं।