संतनगर के प्राइवेट स्कूलों में ‘ग्रेजुएटी का खेला’, बिना भुगतान रिटायर्ड टीचर्स लें अपना हक
भोपाल. BDC NEWS
संत हिरदाराम नगर के प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स व अन्य स्टॉप को सेवा मुक्त या रिटायर्ड होने पर गेजुएटी नहीं दी जाती। इस खुलासा सामने आए श्रम विभाग के एक फैसले से सामने आया है, जिसका इस्तेमाल बिना ग्रेजुएटी दिए सेवानिवृत्त या सेवा मुक्त किए गए टीचर्स-कर्मचारी स्कूल प्रबंधनों से गेजुएटी मांगने के लिए कर सकते हैं।
दरअसर, न्यायालय श्रम आयुक्त भोपाल संभाग ने संतनगर में सुधार सभा द्वारा संचालित साधु वासवानी स्कूल की एक शिक्षिका के मामले में सख्त फैसला सुनाया है। सेवानिवृत्त सहायक शिक्षिका ज्योति शेवानी गेजुएटी के लिए श्रम आयुक्त के पास गई थीं। आयुक्त ने शिक्षिका को 15 महीने की गेजुएटी ब्याज के साथ देने के निर्देश दिए हैं। सहायक श्रमायुक्त भोपाल सम्भाग के नियंत्रण अधिकारी पी जोसेमिन अली सितारा ने इसी माह सात तारीख को आदेश जारी किया है। स्कूल प्रबंधन से कहा है कि सात सितंबर तक ज्योति शेवानी को ग्रेजुएटी की राशि 1 लाख 62 हजार 807 रु तथा ब्याज राशि 29 हजार 848 रुपए का भुगतान करना होगा।
34 साल सेवा दी शिक्षिका ने
बता दे ज्योति शेवानी ने साधु वासवानी स्कूल में 34 साल सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुई थी पर उन्हें ग्रेजुएटी नहीं दी गई थी, जिसके बाद वह श्रम आयुक्त की शरण में गई थीं। मामले में सुनवाई के दौरान स्कूल ने भी अपना पक्ष रखा था। कहा गया कि ज्योति शेवानी का शाला अभिलेख विवाह उपरांत दुरस्त नहीं है न ही कोई जानकारी प्रस्तुत की गई है। तारा जेठानी के नाम से पूर्व से रिकार्ड चला आ रहा है। विवाह उपरांत कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है ग्रेज्युटी का रिकॉर्ड सहित बैंक पासबुक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
शिक्षिका के दस्तावेजों ने झुठलाया स्कूल का पक्ष
ज्योति शेवानी ने शपथ पत्र देकर अपनी बात रखी। आवेदन के साथ पूर्व में ही आवेदिका की बैंक पासबुक की छायाप्रति प्रस्तुत की। अनावेदक संस्थान द्वारा जारी दिनांक 30-8-2022 का वेतन प्रमाण पत्र, माह जुलाई 2022 व अगस्त 2022, का प्रस्तुत किया जिसमें आवेदिका का नाम ज्योति शेवानी तथा 8300 रूपये की पे स्लिप दी। संस्थान द्वारा सेवानिवृत्ति आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें आवेदिका का नाम ज्योति शेवानी व पद सहायक शिक्षिका लिखा है। शिक्षिका के दस्तावेजों से साफ हुआ कि नाम को लेकर स्कूल प्रबंधन का पक्ष गलत है। संस्थान के रिकॉर्ड में नाम ज्योति शेवानी दर्ज था ना कि तारा शेवानी।
निर्णय सुनाया गया : आदेश में कहा गया, उपदान भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत कर्मचारी की श्रेणी में आती है एवं उक्त अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत उसे ग्रेजुएटी राशि एवं धारा 7 ( 3 ) (क) के अनुसार 10 प्रतिशत साधारण ब्याज दर से ब्याज राशि प्राप्त करने की पात्रता है।
क्या था पूरा मामला
शिक्षिका ज्योति शेवानी द्वारा ग्रेजुएटी भुगतान अधिनियम 1972 की धारा 7 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया गया। शिक्षिका के पद पर शेवानी की नियुक्ति 14 नवंबर 1988 को हुई थी। जिन्हें, 4 अगस्त 2022 को सेवा से पृथक किया गया। । सेवा से पृथक करते समय आवेदिका का अंतिम वेतन 17हजार 087 रूपए था। आवेदिका द्वारा अनावेदक संस्था में 14 नवंबर 1988 से 04 अगस्त -2022 तक लगातार 34 वर्ष सेवाएं दी गईं। सेवानिवृत्ति के बाद अनावेदक संस्थान द्वारा उसे ग्रेजुएटी की राशि नहीं दी गई।