Sindhi Sant Nagar: सिंधी बाहुल्य संतनगर के स्कूल संचालकों से कर रहीं आशा चांद संवाद

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सिंधी भाषा, कला, साहित्य व संस्कृति के लिए 25 साल पहले दुबई में संस्था

लेखक रवि कुमार

संतनगर BDC NEWS
Sindhi Sant nagar : ढाई दशक पहले सिंधी साहित्यकार व समाजसेवी आशा चांद ने दुबई में सिंधी संगत संस्था बनाकर सिंधी भाषा, कला, साहित्य और संस्कृति के लिए काम करने की शुरूआत की थी। सिंधी भाषा के लुप्त होने की चिंता के चलते वह दुनियाभर में काम कर रही हैं। जहां भी सिंधीजन रहते हैं, वहां सिंधियत के लिए आग्रह करने जाती हैं।
आशा चांद इन दिनों संतनगर प्रवास पर हैं। भाषा के लिए शिक्षण संस्थाओं के बीच जा रही हैं। सिंधी का पठ्न-पाठन शिशु कक्षाओं से करने के लिए संवाद कर रही हैं। आशा चांद ने कहा, सप्ताह में एक दिन या गर्मियों में एक पखवाड़े का शिविर लगाकर भाषा को नहीं बचाया जा सकता। सिंधी समाज कारोबारी सोच वाला समाज है। नौकरी करना उसकी प्राथमिकता कभी नहीं रहा। भाषीय स्तर पर उसने जहां भी कारोबार किया, उसने वह तो भाषा तो सीख ली, लेकिन अपनी मूल भाषा बच्चों तक पहुंचाने में गंभीर नहीं रहा।
विभाजन के बाद भारत में आए सिंधियों की बात करें तो आज समाज के सामने रोजी रोटी का संकट नहीं रहा है। वह न केवल आत्म निर्भर हो गया, बल्कि देश की अर्थ व्यवस्था में अहम योगदान दे रहा है।


समाज भी पहल करे

लुप्त होती सिंधी भाषा के लिए वह अपने स्तर पर प्रयास कर सकता है। उसका पहल करना होगी, स्कूलों में सिंधी क्लास अनिवार्य रूप से लगे इसके लिए दबाव बनाना होगा। पढ़ने वाले कम हुए है, इसलिए चाहे माध्यमिक शिक्षा मंडल हो या केन्द्रीय शिक्षा मंडल उदासीन है। छात्र नहीं है तो किताबों का अभाव है।


स्कूलों से आग्रह किया

चांद ने कहा, मेरा मानना है संतनगर जैसे सिंधी बाहुल्य इलाके में हर स्कूल में शिशु कक्षाओं से सिंधी से सिंधी परिवार के बच्चों को जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए। पहली कक्षा से निजी स्कूलों में सिंधी को तीसरी भाषा के रूप में जोड़ जाना चाहिए। मैंने संतनगर में हेमू कालानी एज्यूकेशनल सोसायटी, दीपमाला पागारानी संस्कार स्कूल एवं साधु वासवानी स्कूल के अलावा मुकिता इंटरनेशनल स्कूल संचालकों से बात कर अपना आग्रह रखा है।

सिंधी चैनल के लिए पुनर्विचार याचिका

आशा चांद भारत के विभिन्न शहरों में जाकर सिंधी भाषी लोगों के बीच जाकर दूरदर्शन पर सिंधी चैनल के प्रसारण के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रही हैं। उनका कहना है हर भाषा का चैनल है, सिंधीजनों के लिए दूरदर्शन 24 घंटे सिंधी चैनल प्रारंभ करना चाहिए। आशा चांद ने बताया कि 2015 में राम जेठमलानी ने इसके लिए रिट दायर की थी जिसे पर कोर्ट ने सरकार से संसाधन होने पर सिंधी चैनल प्रारंभ करने की दिशा में प्रयास करने का कहा था, लेकिन इस दिशा में परिणाम सामने नहीं आए। समाज को पुनर्विचार याचिका सुप्रीम मोर्ट में दाखिल करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक आवाज पहुंचाना चाहिए।

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