ताज में पार्टी का दौर… नगर निगम के स्पाइडरमैन

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कहना था तो कह दिया


हिरदाराम नगर। भोपाल डॉट कॉम
चलिए सफर कराते हैं आपको संतनगर का। सफर की शुरूआत करते हैं नगर सरकार के ताजा जनप्रतिनिधि के रवैये-ए-आम की। जीत की खुशी की पार्टियां अभी भी जारी हैं। ताज मिला है, इसलिए पार्टियों को डेस्टीनेंशन भी राजधानी का ताज होटल है। बहुत से वादे किए थे चुनाव के दौरान मसलन आदर्श वार्ड बनाएंगे। बिजली, पानी, सड़क को रोना नहीं रहेगा, लेकिन वादे है वादों क्या गाना गाने का मन कर रहा है। स्वच्छ भारत का संकल्प वार्ड चार और पांच में हासिए पर है, गंदगी बयां कर रही है जीत की खुमारी की। जनता के बीच से ज्यादा वक्त अभी तक स्वागत-सत्कार में गुजर है।
छह जुलाई को मतदान हुआ… 17 जुलाई को चुनाव नतीजे आए। संत हिरदाराम नगर जोन के पांच में से तीन पर भाजपा और दो पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई। चुनाव में कांग्रेस ने पिछले चुनाव से एक सीट ज्यादा जीती। अरे, कहां बताने लगे पुरानी बातें। बात तो संतनगर के ताजा पार्षदों की मैदानी सक्रियता की बात कर थे। चुनाव के वक्त गली-गली नाप रहे नेताओं का पार्षद बनने के बाद समस्याएं सुनने आने के लिए लोग इंतजार कर हैं। नगर निगम अपनी हर ड्यूटी पर खरी नहीं उतर रही हैं। ताजा पार्षद अभी तक काम पर नहीं आए हैं। साफ-सफाई हासिए पर हैं। कई जगहों पर स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। सुध लेने वाले कभी किसी के आमंत्रण पर ताज में पार्टी कर रहे हैं, तो कभी किसी के। चर्चा वार्ड चार और पांच की इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि यह संतनगर का मूल रहवासी इलाका है। वादों पर काम की शुरूआत तो वार्ड एक, दो और तीन में नहीं हुई है। तर्क है कि नगर निगम का वास्ता रोजमर्रा सुविधाओं से है, जिसमें उन्नीस-बीस होता रहता है।
कब नजर आएगा मिजाज

जोन की बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच आत्मीयता और विकास में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का मिजाज नजर आया था। जनता के बीच समस्याओं को लेकर साझा प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं, तीन माह बाद भी पार्षद अपने वार्डों में केवल घूमने फिरने आ रहे हैं, समस्याओं को लेकर उनकी चिंता नजर नहीं आती। कह रहे हैं- अभी वक्त ही कितना हुआ है-पांच साल के लिए चुने गए हैं, जो वादे किए है पूरे करेंगे। कौन कहे भाई आपकी ड्यूटी हर दिन मोर्चे पर खरी उतरने की है।

नगर निगम के स्पाइडर मेन
इन दिनों नगर निगम के दस्तावेज तहकीकात स्पाइडर मेनों की चर्चा है। जर्जर मकानों को तोड़कर बनाने वाले उनके निशाने पर हैं। कोई भी नव निर्माण उनकी तहकीकात के बिना हो जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। अनुज्ञा वाले आज्ञाकारी बनकर दस्तावेज देखने पहुंच रहे हैं। ऐसा नहीं इन स्पाइडरमेनों की शिकायत पूर्व और वर्तमान पार्षद नगर निगम अफसरों कर चुके हैं, आने का बहाना है दस्तावेजों को देखना, बात तो कुछ और है।

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