संतनगर की चौपाल

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रितेश कुमार, भोपाल डाॅट कॉम

मिल गए तो कर डाली बैठक तय  कर लिया महोत्सव

एक धार्मिक आयोजन की रूपरेखा तय करने के लिए बैठक बुलाने का अंदाज चर्चाओं में है। न समय तय किया, न तारीख। बस जब मिल गए तो मन हो गया बैठक करने का। कहा चलो  यार बैठक कर लेते हैं। बैठक भी हो गई, जो पहले करते आए हैं, वहीं करेंगे। तय कर लिया गया। मीडिया को खबर और फोटो भी जारी हो गए। कहा जा रहा है यह होता है समय का सद्पयोग। व्यस्ततम, भागदौड़ वाली जिंदगी में समाजसेवा के लिए वक्त इस तरह भी निकला लिया जाता है, यह साबित कर दिया है, चर्चित बैठक ने। क्या बुलाएं, एक-एक को फोन करें, मिल गए तो निटा लिया बैठक को। सही भी तो है व्यवस्था बैठक करने वालों को ही करना है, बस जानकारी देनी थी तो दे दी।

भाई साहब हूटर लगवाने की परमिशन कहां से मिलेगी

भाई साहब गाड़ी पर हूटर लगाने की परमिशन कहां से मिलेगी? एक समाजसेवी ने माननीय से जब यह पूछा तो सब      हंसने लगे। कौन बताए भाई हूटर लगाने पर पाबंदी है, जो लगाए हैं, उनकी बराबरी मत करो। वह पकड़ा गया तो गाड़ी छुड़ा लेंगे। आपने लगाई तो जुर्माना भरना पड़ेगा। वैसे संतनगर में ‘हूटरबाज’ अपना रूतबा बताने के लिए लगाए हुए हैं। कुछ सत्ता की ताकत में है तो कुछ विपक्षी। एक नेताजी  तो अपने हूटर का इस्तेमाल खाली सड़क पर भी करते देखे जाते हैं। लगाना चाहिए साहब निकल रहे हैं। सत्ता में आने के लिए कई बार मैदान में उतरे लेकिन खेत रहे हैं।  वे अपने तुर्क मिजाज की वजह से हमेशा चर्चाओं में रहते हैं।

अड़गे बाज को सिखाया सबक, 151 का फेर

एक जनाब को बहुत शौक था अडंगाबाजी करने का। कामयाबी भी मिली लोकार्पण से पहले एक सुविधा पर रोक भी लग गई। खामोशी से शिकायत बाबू को समझा बुझाकर बिना लोकार्पण सुविधा बहाल हो गई। लेकिन, शिकायत करके मान जाने के बाद सबक अच्छा मिला। उनकी हेकड़ी निकल गई जो 151 के फेर में आ गए। अब यह मैं क्यों बताऊं लोकार्पण बिना कौन सी सुविधा मिली है संतनगर को और शिकायत करने वाले कौन थे-  सब जग जाहिर है। लोग उनके साथ जो हुआ उसकी चर्चा चटखारे लेकर कर रहे हैं। कह रहे हैं भाई कहां टांग अड़ा रहे हो यह तो समझ लेते।

झूठी लूट, नौकर की चोरी ने किया पुलिस को परेशान

बैरागढ़ में एक लूट और एक चोरी की खबरों ने पुलिस को परेशान कर दिया था। दोनों ही मामले जिस तरह मीडिया में उछले, उसने ‘पुलिसिया’ काम पर सवाल उठ रहे थे। गनीमत रही लूट का मामला झूठा निकला और चोर पकड़ा गया। पुलिस ने अपनी कामयाबी को मीडिया में लाने में देर नहीं की। आनन-फानन में अखबार नबीसों को बुलाया। कहा-आपने लिख दिया जो लिखना था। अब हमारी बात भी उसी तरह रख देना। हालांकि पुलिस झूठी लूट बताने वालों को लेकर सख्त नहीं रही, वजह कुछ भी हो लेकिन बातें तो हो रही हैं।

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