कांग्रेस ने शिक्षा विभाग से पूछा – 2621 स्कूल में शिक्षक नहीं, आदेश की रस्म अदायगी क्यों?

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भोपाल. BDC NEWS
शिक्षा सत्र को लेकर शिक्षा विभाग के उस आदेश पर सियासी कटाक्ष किया है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर लिखा है। मप्र राज्य शिक्षा पोर्टल 2.0 के मुताबिक प्रदेश के 2621 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं हैं। ऐसे जारी आदेश बेमतलब हैं। हर साल ऐसे आदेश रस्म अदायगी की तरह जारी होते हैं। ना विभाग इसको लेकर गंभीर होता है और ना ही सरकार। वजह भी बड़ी साफ है इसके नुकसान फायदे से कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिक्षा विभाग के आदेश की बात करें तो स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के लिए नवीन शिक्षा सत्र 2024-25 में नामांकन एवं पुनर्भ्यास संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। कहा गया है कि मध्यप्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों का शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा। पहले एक माह तक विद्यार्थियों को बुनियादी शिक्षा के लिए पुनर्भ्यास कराया जाएगा। इसके बाद जून में जब स्कूल खुलेंगे तो नई कक्षा की पढ़ाई शुरू होगी. सत्र के प्रारंभ में विद्यार्थियों में विज्ञान, गणित एवं भाषा विषय की कठिन अवधारणाओं का अभ्यास 30 अप्रैल तक कराया जाएगा। एक अप्रैल को बाल सभा और विशेष भोज का आयोजन किया जाएगा। विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा। हर माह के लिए शैक्षणिक गतिविधियों का कैलेंडर जारी किया गया है।

यह तथ्य भी रखे कांग्रेस ने

  • 47 जिलों में 7793 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है. विंध्य क्षेत्र में 1747 स्कूलों में एक शिक्षक है और 554 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है. चंबल अंचल में 1246 स्कूलों में 1 शिक्षक है और 558 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है.
  • महाकौशल क्षेत्र में 710 स्कूलों में एक शिक्षक है और 140 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. मध्य भारत के 1147 स्कूलों में एक शिक्षक है और 363 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है.
  • मालवा-निमाड़ क्षेत्र में 1512 स्कूलों में एक शिक्षक है और 471 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 1431 स्कूलों में एक शिक्षक है और 537 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है!
  • क्या @BJP4MPसरकार प्रदेश की जनता को यह बताने का कष्ट करेगी कि इस स्थिति में अब कितना सुधार हुआ है? यदि कुछ शिक्षकों की भर्ती हुई भी है, तो उस अनुपात में कितने बच्चे बढ़ गए हैं? वर्तमान में शिक्षक और विद्यार्थियों की उपस्थिति का अनुपात क्या है?
  • सच्चाई यह है कि @DrMohanYadav51 सरकार शिक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है! यही सबसे बड़ा कारण है कि शाला छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है! बेहतर यही होगा कि झूठे आंकड़ों के जरिए सच्चाई छुपाने वाली सरकार शिक्षा को लेकर अपने सरोकारों स्पष्ट करे!

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