Kids Story

रोज़ और तितली की जादुई दुनिया – फूलों की मजेदार कहानी

रोज़ और तितली की जादुई दुनिया 🦋


1. बाग में नया मेहमान

एक खूबसूरत बाग था, जहाँ हर रंग के फूल खिले थे। वहाँ एक लाल रोज़ था, जिसका नाम रोज़ी था। रोज़ी बहुत खुशमिजाज थी और सभी फूलों की दोस्त थी।

एक दिन, बाग में एक नन्हीं तितली आई। उसका नाम बेला था। बेला बहुत सुंदर थी, उसकी पंखों पर रंग-बिरंगे धब्बे थे।


2. फूलों की जलन

बेला रोज़ी के पास आई और बोली, “तुम कितनी सुंदर हो! क्या हम दोस्त बन सकते हैं?”

रोज़ी खुशी से बोली, “बिलकुल!” लेकिन पास खड़े सूरजमुखी, गेंदा और चंपा ने यह देखा और फुसफुसाने लगे—”हम भी तो सुंदर हैं, लेकिन तितली सिर्फ रोज़ के पास ही क्यों आई?”


3. तितली की परेशानी

बेला हर दिन रोज़ी के पास आती। बाकी फूलों को लगा कि अब तितली सिर्फ रोज़ी से ही दोस्ती करेगी। वे थोड़ा उदास हो गए।

रोज़ी को जब यह पता चला, तो उसने सोचा, “असली दोस्ती में किसी को दुखी नहीं होना चाहिए।”


4. जादुई खेल – सभी फूलों के लिए प्यार

रोज़ी ने तितली बेला को बुलाया और कहा, “बेला, क्या तुम मेरे दोस्तों से नहीं मिलोगी?”

बेला मुस्कुराई और एक-एक करके सभी फूलों के पास गई। उसने सूरजमुखी से कहा, “तुम तो सूरज की तरह चमकते हो!”

गेंदे से कहा, “तुम्हारी खुशबू कितनी प्यारी है!”

चंपा से कहा, “तुम्हारा रंग बहुत अनोखा है!”

सभी फूल खुशी से झूम उठे।


5. दोस्ती का असली मतलब

अब तितली बेला पूरे बाग में घूमने लगी। रोज़ी खुश थी, क्योंकि उसने सबको खुशी दी थी। अब पूरा बाग हंसने-गाने लगा।

बेला ने कहा, “असली दोस्ती तब होती है, जब हम सबको बराबर प्यार दें!”


6. शिक्षा – दोस्ती में सबको साथ लेकर चलें

इस कहानी से बच्चों को यह सीख मिलती है कि हमें किसी एक दोस्त से ज्यादा प्यार करके दूसरों को उदास नहीं करना चाहिए। असली दोस्ती सबको साथ लेकर चलने में है।


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