Kids Story

चार दोस्तों और जादुई दरवाज़े की रहस्यमयी कहानी

गर्मियों की छुट्टियों में अर्जुन, कबीर, सोनाली और नेहा अपने गाँव के दादा जी के घर गए। दादा जी की हवेली बहुत बड़ी और पुरानी थी। हवेली के पीछे एक पुराना लकड़ी का दरवाज़ा था, जिसे हमेशा बंद रखा जाता था।

🗝️ रहस्यमयी दरवाज़ा खुला?

एक दिन, चारों बच्चे खेलते-खेलते हवेली के पीछे पहुँच गए। अचानक, कबीर की नज़र उस दरवाजे पर पड़ी जो आधा खुला था!

अर्जुन बोला: “मैंने सुना है कि ये दरवाजा कभी नहीं खुलता, फिर आज कैसे खुला?”

सोनाली हँसकर बोली: “शायद कोई भूल गया होगा। चलो, अंदर देखते हैं!”

नेहा को डर लग रहा था, लेकिन दोस्ती निभाने के लिए वह भी चल पड़ी।


🚪 जादुई दुनिया का प्रवेश

दरवाजे के उस पार घना जंगल था, लेकिन वहाँ के पेड़ सामान्य नहीं थे! उनके पत्ते सोने जैसे चमक रहे थे और हवा में मीठी खुशबू थी।

कबीर चौंककर बोला: “ये कैसा जंगल है? हमने इसे पहले कभी नहीं देखा!”

अचानक, एक नन्हा खरगोश उनके सामने आया और बोला, “स्वागत है बच्चों! तुमने जादुई दरवाजा पार कर लिया है। अब तुम्हें तीन पहेलियाँ हल करनी होंगी, तभी तुम वापस जा पाओगे!”

चारों दोस्त एक-दूसरे को देखने लगे। “क्या! एक खरगोश बात कर रहा है?” नेहा ने कहा।


🧩 तीन पहेलियाँ

पहेली 1:
खरगोश ने पूछा, “ऐसी कौन सी चीज़ है जो बोल भी सकती है, लेकिन ज़िंदा नहीं होती?”

सोनाली ने तुरंत कहा, “रेडियो!”

खरगोश मुस्कुराया और बोला, “बिल्कुल सही!”

पहेली 2:
खरगोश ने पूछा, “ऐसा क्या है जो जितना भरा जाए, उतना हल्का हो जाता है?”

अर्जुन ने सोचा और कहा, “गुब्बारा!”

“सही जवाब!” खरगोश खुश हुआ।

पहेली 3:
खरगोश ने आखिरी पहेली दी, “ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे हम खाने के बाद भी नहीं खा सकते?”

नेहा और कबीर सोचने लगे, फिर नेहा चिल्लाई, “प्लेट!”

खरगोश ने ताली बजाई और दरवाजा अपने आप खुल गया। “बधाई हो! अब तुम वापस जा सकते हो!”


✨ वापस घर और बड़ी सीख

चारों बच्चे जैसे ही दरवाजे से बाहर निकले, वह धीरे-धीरे गायब हो गया।

सोनाली ने कहा, “क्या सच में हमने ये सब देखा, या ये सपना था?”

अर्जुन बोला, “जो भी था, हमें यह सीख मिली कि दिमाग और बहादुरी से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है!”

नेहा बोली, “और हाँ, पहेलियाँ हल करना भी बहुत मजेदार होता है!”

चारों बच्चे हँसते हुए हवेली की तरफ लौट गए।


📌 नैतिक शिक्षा (Moral of the Story)

बुद्धि और धैर्य से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे का साथ देते हैं।
हर नई चीज़ डरावनी नहीं होती, वह सीखने का एक नया अवसर भी हो सकती है।

निष्कर्ष

चार दोस्तों की यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर दिमाग और दोस्ती का सही इस्तेमाल किया जाए, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
🚀 “सीखने की कोई उम्र नहीं होती, हर दिन कुछ नया जानो!


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