डेढ़ लाख परिवारों की संपत्ति पर शत्रु संपत्ति का साया
15 हजार करोड रूपये संपत्ति हो सकती है शत्रु संपत्ति घोषित
43 साल बाद आया बेगम आफताब जहां का पत्र
हिरदाराम नगर।BDC news
भोपाल के लगभग डेढ़ लाख परिवारों की संपत्तियां एक बार फिर खतरे की जद में है । यदि भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्लाह खान की जूनियर बेगम आफताब जहां द्वारा वर्ष 1977 में लिखे गए कथित लेटर पर भरोसा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन शत्रु संपत्ति कार्यालय ने अमल किया तो लगभग 15 हजार करोड रुपए से अधिक की संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित हो सकती है।
ऐसा हुआ तो हलालपुर, लालघाटी, बोरबन, बेहटा और लाऊखेड़ी यानी उपनगर की दो तिहाई आबादी, ईदगाह हिल्स,जहांगीराबाद, ऐशबाग, कोहेफिजा में रहने वाले हजारों परिवारों की सम्पत्तियां पर केंद्र सरकार का मालिकाना हक हो जाएगा। दरअसल लगभग 43 सालों बाद एक ऐसा पत्र निकल कर सामने आया है जिसे बेगम आफताब जहां की ओर से भारत सरकार के सचिव और ऑफिसर इंचार्ज कस्टोडियन एनीमी प्रॉपर्टी, केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिनांक 2 मई 1977 को कराची पाकिस्तान से लिखा जाना उजागर होता है । वैसे बेगम आफताब जहां की मृत्यु वर्ष 2000 में हो चुकी है और नवाब साहब से उनकी कोई भी संतान नहीं है ।
केन्द्र को भेजा है पत्र
इस पत्र की प्रति को ज्ञापन के साथ संलग्न करके सुल्तानिया रोड रहवासी मधुदास बैरागी ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस ऑफ़ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट, चीफ सेक्रेट्री मप्र, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया को भेजा है, जिसमें मांग की गई है कि नवाब भोपाल की जूनियर बेगम आफताब जहां के नाम से भारत देश में विशेषकर भोपाल रायसेन और सीहोर में जहां कहीं भी संपत्तियां हैं उन्हें शत्रु संपत्तियां घोषित कर केंद्र सरकार अपने आधीन ले। ऐसा करने के लिए आफताब जहां ने 2 मई 1977 को इस संबंध में केंद्र सरकार के सेक्रेटरी को पत्र लिखकर अपनी ओर से सहमति प्रदान की थी।
मुंबई से आया था अफसर
दो महीने पहले जून-जुलाई माह में केंद्रीय सरकार का एक अफसर इस पत्र की कॉपी लेकर जिस पर शत्रु संपत्ति कार्यालय मुंबई की सील भी लगी है भोपाल आया था और आफताब जहां के नाम की जहां कहीं भी संपत्तियां हैं उनके बारे में जानकारी एकत्र की थी ।
साल 2013 सामने आया था
इसके पहले वर्ष 2013 में भोपाल में शत्रु संपत्ति घोषित होने का मामला सामने आया था । लेकिन तब यह मामला नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी पुत्री आबिदा सुल्तान को नवाब हमीदुल्लाह खान साहब का एकमात्र उत्तराधिकारी गद्दी उत्तराधिकार अधिनियम के तहत होना पाते हुए नवाब भोपाल की समस्त संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था । वर्तमान में यह मामला अभी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है और शत्रु संपत्ति कार्यालय के आदेश पर स्टे लगा हुआ है।
—
क्या है शत्रु संपत्ति कानून
दरअसल पाकिस्तान और चीन को भारत का शत्रु देश माना जाता है। भारत का इन दोनों देशों से कालांतर में युद्ध होने के दौरान भारत के जो लोग दुश्मन याने शत्रु देशों में जाकर बस गए और वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने अपने अधीन करने के लिए पहले डिफेंस एक्ट का सहारा लिया और उसके बाद वर्ष 1967 में पूर्ण रूप से एनीमी प्रॉपर्टी एक्ट याने शत्रु संपत्ति अधिनियम बनाया गया । इस कानून में दुश्मन मुल्क में जाकर बसने वाले भारतीय नागरिकों की संपत्तियों को शत्रु संपत्तियांं घोषित करने का प्रावधान है। वर्ष 2015 में केंद्र की एनडीए सरकार ने इस कानून में संशोधन करके यह प्रावधान भी किया है कि दुश्मन मुल्क में जाकर बसने वाले लोगों की संपत्तियों पर वसीयत का कानून भी प्रभावशील नहीं होगा।