बड़ी ख़बर

पत्र उजागर होने के बाद खलबली

आफताब जहां के नाम से हिबा-इनायतनामों
पावर आफ अटार्नी नामांतरणों की जांच

हिरदाराम नगर। BDC news
नवाब भोपाल की जूनियर बेगम आफताब जहां के कथित 2 मई 1977 के खत से सरकारी महकमें में खलबली है। नेश्‍नल आर्काइव में रिकॉर्ड अवलोकन से जिला प्रशासन को पता चला है कि अपनी जूनियर बेगम को नवाब हमीदुल्‍ला खान ने प्रापर्टी का इनायतनामा नहीं किया। अब उस सिरे को ढूंढा जा रहा है कि आफताब जहां के नाम पर जमीन-जायदाद सरकारी रिकार्ड में कैसे दर्ज हुई । इसलिए उन हिबानामों, इनायतनामों और पावर आफ एटार्नी के रिकार्ड को ढूंढकर खंगाले जा रहे हैं जिन्‍हें आफताब जहां की होना बताकर जमीनों के नामांतरण हुए हैं।

घर बचाओ संघर्ष समिति के उप संयोजक अधिवक्‍ता जगदीश छावानी ने पत्र को संदेहास्‍पद बताया है। छावानी ने कहा कि पत्र 15 फरवरी 1977 को भारत सरकार की ओर से भेजे गए पत्र का जवाबलगता है। इस तिथि के लेटर का संदर्भ पत्र में है। तब स्‍वाभाविक सवाल है कि वो लेटर कहां हैं जो भारत सरकार की ओर से आफताब जहां को लिखे गए। सिर्फ 2 मई 1977 का खत ही सामने क्‍यों आया है। पिछले 43 सालों से आफताब के पत्र-व्‍यवहार कहां दबे रहे और अब कहां हैं । जब कोई संतान नहीं है तो उनकी नागरिकता पाकिस्‍तान की थी या नहीं ये कौन सिद्ध करेगा। ऐसे और भी कई कारण हैं जो कथित पत्र की वैधानिकता को संदेह के घेरे में लेते हैं। अगर कथित पत्र का असर लोगों की प्रापर्टी पर हुआ तो घर बचाओे संघर्ष समिति विरोध करेगी और लोगों के मालिकाना हक बचाने कानूनी लडाई लडेंगी जैसा मर्जर एग्रीमेंट मामले में किया और जैसा आबिदा सुल्‍तान के नाम पर शत्रु सम्‍पत्‍ति को लेकर संघर्ष किया था।

मर्जर मामला: विवादस्‍पद थी
आफताब के नाम जमीनें
वर्ष 2007 में जब जिला कलेक्‍टर ने भोपाल नवाब का भारत संघ से 30 अप्रेल 1949 को मर्जर एग्रीमेंट को आधार बनाकर आठ ग्रामों लाउखेडी, बोरबन, बेहटा, हलालपुरा, निशाथपुरा, शाहपुरा, सेवनिया गौड, कोटरा सुल्‍तानाबाद की लगभग ढाई हजार एकड जमीनों को सरकारी दर्ज करने के लिए स्‍वप्रेरणा निगरानी के मामले दर्ज किए थे। इनमें नवाब के रिश्‍तेदारों में आफताब जहां को भी पक्षकार बनाया गया था। लेकिन तब भी किसी ने आफताब जहां की ओर से उनका पक्ष नहीं रखा था। जबकि वे उस समय जीवित नहीं थीं। उनके उत्‍तराधिकारी के तौर पर भी कोई उपस्थित नहीं हुआ था। इन मामलों में आफताब जहां के नाम पर राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज जमीनों की सूची मय खसरे के प्रकाशित हुई थी। वर्तमान में उन पर संत हिरदाराम नगर बैरागढ बसा हुआ है। याने रियाज मंजिल और खानूगांव समेत दो तिहाई पूरा उप नगर बैरागढ शत्रु सम्‍प‍त्‍ती होने की जद में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *