गोल्ड, केस और कार … दिग्विजय ने कहा, चीफ जस्टिस की निगरानी में हो जांच, नहीं तो दब जाएगा मामला
भोपाल. BDC NEWS
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जंगल में लावारिस खड़ी कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद होने के मामले की जांच मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस की निगरानी में कराने की मांग की है। सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो इसे दबा दिया जाएगा, क्योंकि राजदार कई सिस्टम से जुड़े लोग हैं।
बता दे भोपाल के जंगल में लावारिस खड़ी कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद होने से खासी हलचल है। मसले पर दिग्विजय सिंह अपने आरोपों के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। सिंह ने कहा कि प्रदेश के परिवहन विभाग के भीतर किस प्रकार से चेक पोस्ट की नीलामी हो रही थी और वसूली चल रही थी। ये सारी संपत्ति क्या सौरभ शर्मा की है यह बहुत बड़ा सवाल है? कौन-कौन शामिल है, इसका जबाव मिलना चाहिए। सिंह ने बताया कि इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सिंह ने कहा कि इस केस से लोकायुक्त को हटाया जाना चाहिए। इसकी ईडी और आयकर विभाग को केस की जांच सौंपी जाए।
दिग्विजय ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया था। हालांकि, बताया गया कि जब्ती लोकायुक्त और आईटी की टीम ने की है, अगर आईटी सामने नहीं आता तो शायद ये कार्रवाई नहीं हो पाती, हो सकता है कि मेरी जानकारी गलत भी हो।
गोविंद राजपूत निशाने पर
दिग्विजय ने कहा कि जब मप्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार बनी थी तब कमलनाथ पर परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को देने का दबाव था। इसके बाद एक बोर्ड बनाया गया, ऐसा क्यों था ये तो उस समय के कुछ नेता ही बताएंगे। कमलनाथ सरकार गिरने बाद और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने, उन पर दबाव डालकर बोर्ड को खत्म कर दिया गया। इसके बाद राज्य में फिर से ठेका प्रणाली शुरू हो गई, जो सबसे ज्यादा वसूली करेगा गोविंद राजपूत द्वारा उसी की नियुक्ति हो जाती थी।
20 साल में किसी पर भी भ्रष्टाचार का केस नहीं चलाया
दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसमें सौरभ शर्मा के साथ संजय श्रीवास्तव, वीरेश, दर्शन सिंह पटेल, ये लोग नीलामी करके वसूली करते थे। इन लोगों की जांच हो तो मनी ट्रैल का पता चल जाएगा। मनोज परमार के घर पर तो ईडी की टीम भी पहुंच गई थी। मगर अब ईडी इसे संज्ञान में नहीं लेगा। शिवराज सिंह चौहान ने 20 साल में किसी पर भी भ्रष्टाचार का केस चलाया हो तो बता दीजिए।
भोपाल डॉट कॉम ब्यूरो