डिजिटल प्लेटफार्म को बनाया प्रस्तुति का मंच

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द राइजिंग सोसायटी ऑफ आर्ट एंड कल्चर की प्रस्तुति
हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला की पहल

भोपाल।
कला, साहित्यिक और संस्कृति की निरंतरता के लिए कलाकार, साहित्यकार डिजिटल प्लेटफार्म पर सक्रियता बनाए हुए हैं। मंचीय प्रस्तुतियों पर कोरोना का साया होने से फेसबुक और यू ट‌‌्यूब पर लाइव प्रस्तुतियां दे रहे हैं। हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला के जरिये राजधानी की संस्था द राइजिंग सोसायटी ऑफ आर्ट एंड कल्चर के कलाकार संगीतिक प्रस्तुति मन की मुनादी लाइव प्लेटफार्म आए।
फेसबुक यू ट‌्यूब पर 15 गानों की प्रस्तुति ने कलाकारों के हुनर को प्रदर्शित किया। प्रस्तुति की परिकल्पना व निर्देशन संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रीति झा ने किया था। संगीत में परोया था विकास सिमोंलिया और सुनील गोतले ने। एक घंटा 10 मिनट की प्रस्तुति में संगीत सुरेन्द्र वानखेड़े, संदीप शर्मा, प्रीति झा, गगन सिंह बेस की प्रस्तुति यादगार रही।
गीतों की श्रृंखला
चित नहीं चैना …. दिन हो रैना, कौन मोसे बतियां चुहल बतियावे जी, कज्जाक तेरी आंखें, तेरे मन की इच्छा पूरण हो जोगी से आस लगा…. झोली में दौलत पूरण हो जोगी से आस लगा….तू एक चेहरा है तो मेरे सामने आ आवाज है तो जरा सुनाई भी दे… गीतों की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ ही दिल एक हवेली जिसकी हर दीवार हो तुम… हर दीवार गिरती रही सब धुंधला सा है ना… नदिया में है चांद बरसे रात लगाए फेरा.. तेरे बिन है मन में मेरे चांद बस एक घेरा गीतों की प्रस्तुति दी गई।
यह कलाकार हुए शामिल
प्रस्तुतियों में अखिलेश वर्मा, सुमित रजनीश, कशफ , प्रदीप, सुभाष, राजश्री, शुभम आदि कलाकार शामिल थे। सेट रचित ने तैयार किया था। प्रस्तुति का समन्वय तानाजी ने किया। पोस्टर कमलेश ने तैयार किया और प्रस्तुति में लोकेन्द्र की अहम भूमिका रही।

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