लामबंदी: पत्नी की पार्षदी करने वालों को नहीं मिले टिकट

WhatsApp Channel Join Now
Google News Follow Us

सियासी चकल्लस

हिरदाराम नगर। कुमार अजय

नगर निगम चुनाव में उन नेताओं को टिकट न  दिया जाए तो पत्नी के नाम पर पार्षदी कर चुके हैं, क्योंकि वार्डों में विकास कार्यो को लेकर लोगों में नाराजगी है। जिससे चुनाव में भाजपा को झटका लग सकता है। संगठन तक यह मांग अभी से पहुंचाने के लिए भाजपा के युवा नेता अभी से लामबंद होने लगे हैं। उनकी मांग है कि युवा नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए।

वार्ड आरक्षण के बाद पत्नियों को टिकट दिलाकर पार्षदी कराने वाले भाजपा नेताओं में पहला नाम गांधी नगर के भाजपा नेता राजकुमार मीणा का है, वार्ड एक से बीते चुनाव में उनकी पत्नी राजकुमार मीणा पार्षद चुनी गई थी, पत्नी के नाम पर राजकुमार मीणा ने पार्षद की है। वार्ड चार में भाजपा नेता महेश खटवानी ने पत्नी भारती खटवानी के नाम पर पाषदी की है। वार्ड पांच में नरेश वासवानी ऐसे नेता थे, संगठन से अपनी पत्नी दीपा वासवानी के लिए टिकट हासिल करने में कामयाब रहे थे।

टिकट के लिए अभी से कसरत

निगम चुनाव को लेकर महेश खटवानी और राजकुमार मीणा की सक्रियता बढ़ गई है। आरक्षण के वाद वार्ड से टिकट को लेकर दोनों नेता दावेदारी कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि टिकट के लिए यह नेता कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दोनों नेताओं विधायक रामेश्व शर्मा का माना जाता है। टिकट की आकांक्षा रखने वाले नेता पहले कोरोना में मददगार बने अब संभावित वार्ड में समाजसेवा का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। वह संगठन के कार्यक्रम में भोपाल तक सक्रियता बनाए हुए हैं।

इन्हे न मिले टिकट

संतनगर के युवा बुजुर्ग नेताओं को चुनाव में बतौर उम्मीदवार मौका न देने की मांग करने लगे हैं,  कुछ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में रखने की मांग उठने लगी हैं, यह वह नेता है संगठन और सत्ता में काम चुके हैं। एक नेता तो ऐसे है जो भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ विधानसभा चुनाव में ताल ठोक चुके हैं।

चलते-चलते…

नैतिकता भी इसी में हैं खाली कर दो रास्ते नए लोगों के वास्त। वैसे सियासत में  महत्वाकांक्षा का को छोर नहीं होता। चाल, चरित्र और चेहरा, अंतोदय की सोच में सेवा और केवल सेवा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *