मध्य प्रदेशमेरी कलम

MP: सर्किट हाउस पर मंत्रियों के दरबारियों का कब्ज़ा

मध्य प्रदेश के एक बड़े ज़िले का प्रशासनिक अमला इन दिनों बेहद परेशान है। वजह भी वाजिब है…जिला मुख्यालय के दो में से एक सर्किट हाउस पर दो मंत्रियों के स्टाफ इन्हें लंबे समय से कब्जा कर रखा है.. जब से मध्यप्रदेश में नई सरकार बनी है और इस संभाग के दो वरिष्ठ विधायक मंत्री बने हैं। तब से उनके स्टाफ ने 3-3 कमरे अपने लिए आरक्षित कर रखे हैं। जुडिशियरी से वास्ता रखने वाले इस जिले में 6 सजे धजे कमरों पर मंत्री स्टाफ का कब्जा होने से प्रशासनिक अधिकारी परेशान है कि बाहर से आने वाले अन्य अतिथियों के लिए अच्छे कमरे कहां से लाएं..?

माननीय का जलवा

जलवा हो तो ऐसा, मध्य प्रदेश में लंबे समय तक एक राजनीतिक दल की कमान संभालने वाले नेताजी ने हाल ही में हुए संगठन चुनाव में दमखम दिखा दिया. अधिकांश जिलों में तो वे अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे ही बल्कि सबसे प्रतिष्ठा पूर्ण ग्वालियर में भी अध्यक्ष उन्हीं के खेमे का बना.. और अब चर्चा यह भी चल रही है की माननीय वर्तमान पद पर भी बने रह सकते हैं और इसकी वजह, उनका सगंठन में शानदार प्रदर्शन तो है ही साथ ही एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति होने से हाईकमान इन पर पुनः विश्वास कर सकता है और अब तो सरकार के मुखिया से भी पटरी बैठने लगी है।

अपने क्यों खामोश है ?

एक समय था जब बुन्देलखण्ड के इन नेता जी का जलवा था… सरकार में वरिष्ठ मंत्री कहलाते थे और मलाईदार मंत्रालय भी उनकी मन मर्जी का था… लेकिन जब से परिवहन का खाता खुला है तब से नेताजी मुसीबत में पड़ गए हैं..कांग्रेस ने तो जैसे नेताजी का राजनीतिक बोरिया बिस्तर गोल करने का ही मन बना लिया है। 1-1 करके कांग्रेस के सारे नेता उनके पीछे पड़ गए हैं… हद तो ये है कि उनकी पार्टी की तरफ से कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कोई नहीं कर रहा है.. और जिनके भरोसे ये बुन्देलखंड के नेता राजनीति में दम भरते थे वे भी इस वक्त खामोश हैं और अपने पारिवारिक समारोह की तैयारियों में व्यस्त हैं।

IAS के नाम पर जालसाजी

मध्य प्रदेश के एक आईएएस की गिनती ईमानदार अफसरों में होती है वे जिस भी मैदानी जिले में रहे वहां उनके काम की प्रशंसा उनके जाने के बाद भी होती है। लेकिन इन अधिकारी महोदय के नाम का भी एक जालसाज ने इस्तेमाल कर लिया… उनके नाम पर कई संस्थाओं से आर्थिक हित साध लिये लेकिन जब कार्यक्रम नहीं हुआ और लोगों ने शिक़ायत की की। तब जाकर यह पोल खुली के एक ईमानदार आईएएस के नाम पर यह पूरा गोरखधंधा कर लिया गया।

मोदी का विजन और मोहन का मिशन

मध्य प्रदेश के दूरदर्शी मुख्यमंत्री डॉ॰ मोहन यादव के एक साल पूरा होने पर यह टैग, उन पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है। सरकार के एक साल पूर्ण होने पर एक माह तक चले जनकल्याण पर्व का आज जब इंदौर में समापन हुआ। मोहन यादव मोदी के विज़न को फॉलो करते नजर आए। मोदी जी ने भी काशी और अयोध्या में सफाई मित्रों साथ बैठकर भोजन किया था तो वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज इंदौर को स्वच्छता में नंबर 1 बनाने वाले सफाई मित्रों को न केवल सम्मानित किया बल्कि उनको अपने हाथों से चरण पादुकाएं पहनाकर इंदौर वासियों का दिल जीत लिया।

सीनियर आईएएस बनेंगे डॉक्टर ?

मध्यप्रदेश सरकार में पुनर्वास इतना आसान नहीं है। एक पूर्व मुख्य सचिव के मामले में यह सभी ने देखा। उसी से प्रेरणा लेकर अब एक अपर मुख्य सचिव जो आने वाले समय में रिटायर हो रहे हैं उन्होंने भी पुनर्वास की प्रत्याशा छोड़ दी है और अपना मन पढाई में लगा दिया है। ऐसा सुनने में आ रहा है। कि वह जल्द ही डॉक्टर बनने की तैयारी में है एमबीबीएस डॉक्टर नहीं, पीएचडी वाले डॉक्टर बनेंगे। इसके लिए उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिल्ली के एक इंस्टिट्यूट से वो डॉक्टर बन कर पर्यावरण पर काम करने के लिए आएंगे।

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