‘हुजूर’ यानी भाजपा, कांग्रेस का हर दांव रहा फेल
कभी नहीं जीती कांग्रेस, न ग्रामीण नेता को जीता पाई कांग्रेस, न सिंधी को… क्या इस बार भी रहेगा कांग्रेस के लिए अभेद किला हुजूर।
भोपाल. अजय तिवारी
हुजूर विधानसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी, तब से 2023 के पहले तक हुए चुनावों में भाजपा पर मतदाताओं ने भरोसा जताया है। जितेन्द्र डागा 2008 में बीजेपी से विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 2013 और 2018 रामेश्वर शर्मा बीजेपी से विधायक चुने गए। साल 2023 में भी भाजपा से तीसरी बार वे चुनाव मैदान में हैं।
रामेश्वर शर्मा कट्टर हिन्दूवादी नेता हैं। वह हिन्दुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस और उसके नेताओं पर अपने बयानों से हमेशा सुखिर्यों में रहते हैं। 2023 के चुनाव में रामेश्वर शर्मा का मुकाबला 2018 में कांग्रेस से चुनाव हारे नरेश ज्ञानचंदानी से हो रहा है। क्षेत्रफल की दृष्टि से हुजूर सबसे बड़ी विधानसभा सीट है।
सिंधी बाहुल्य संत हिरदाराम नगर का सिंधी समीकरण 2008 से हुए चुनाव में हार-जीत का दावा तो करता रहा, लेकिन सिंधी भाषी नेता को जीत नहीं दिला सका। बीजेपी के मौजूदा प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी 2008 के विधानसभा चुनाव में हुजूर सीट से निर्दलीय चुनाव में उतरे थे, लेकिन 16 हजार वोटों से हार गए थे। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने सिंधी वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए सिंधी चेहरा नरेश ज्ञानचंदानी को टिकट दिया। लेकिन, फैसला भाजपा के रामेश्वर शर्मा के पक्ष में आया।
हुजूर क्षेत्र का सियासी गणित
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को मिलकर बनी हुजूर विधानसभा मे सिंधी मतदाता निर्णायक भूमिका मे हैं। 2008 में भोपाल की गोविंदपुरा और बेरासिया विधानसभा क्षेत्र से परिसीमिन के बाद हुजूर विधानसभा अस्तित्व में आई थी। 2008 में भाजपा के जितेंद्र कुमार डागा विधायक बने. लेकिन 2013 में उनका टिकट काटकर भाजपा ने हिन्दूवादी नेता रामेश्वर शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। कांग्रेस ने राजेंद्र मंडलोई को टिकट दिया, यहां कांग्रेस की नजर में ग्रामीण मतदाता थे, लेकिन जीत बीजेपी की हुई। शर्मा ने मंडलोई को 59604 मतों से शिकस्त दी। 2018 के चुनावों में नरेश ज्ञानचंदानी को 91,563 और रामेश्वर शर्मा को 1 लाख 7 हजार वोट मिले और रामेश्वर शर्मा जीत गए।
हुजूर विधानसभा में कौन से क्षेत्र
हुजुर विधानसभा क्षेत्र भोपाल की सबसे बड़ी विधानसभा है. सीहोर रोड फंदा, संत हिरदाराम नगर, एयरपोर्ट रोड गांधी नगर, रातीबड़, नीलबड़, कोलार, 11 मील, कटारा हिल्स, आदमपुर छावनी, रापड़ियां गांव, बर्रई, कान्हासैया तक हुजूर विधानसभा क्षेत्र लगता है. सीहोर रोड नर्मदापुरम रोड, रायसेन रोड में आने वाले क्षेत्र इस विधानसभा क्षेत्र में आते हैं.
क्षेत्र की पहचान और बड़े मुद्दे
इस क्षेत्र में आने वाला संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ कपड़े का सबसे बड़ा बाजार कहलाता है. बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में पंचायतें भी आती हैं. यहां रोजगार के साधनों की बड़ी कमी हैं. क्षेत्र का एक बड़ा वर्ग रोजगार के लिए भोपाल के आसपास के इलाको पर निर्भर हैं. क्षेत्र में उद्योग, फैक्ट्री की कमी की वजह से आम जनों और युवाओं का एक बड़ा वर्ग अपनी आजीविका के लिए व्यापार और धंधो पर ही निर्भर हैं.
कितने काम हुए
हुजूर विधानसभा क्षेत्र में 222 करोड़ रुपये की कोलार सिक्सलेन का कार्य चल रहा है। 20 करोड़ों से हुजूर विधानसभा क्षेत्र में पुल-पुलियों का निर्माण हुआ.165 करोड़ की सीवेज नेटवर्क योजना के तहत काम हुआ। 125 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल योजना के तहत हर घर नल का काम हुआ। 50 करोड़ रुपये की लागत से सुभाषचंद्र बोस रिंग रोड में काम चल रहा है।
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
संतनगर का विकास कारोबारी इलाके के रूप में करना।
सिंधी विस्थापितों की पट्टे की समस्या का स्थायी निदान।
नई विकसित कॉलोनियों को सड़कों व स्ट्रीट लाइट से जोड़ना।
खुले नाले-नालियों को बंद कराना।
पार्किंग स्थलों का निर्माण।
फुटपाथों पर अस्थाई अतिक्रमण को स्थाई रूप से हटाना ये प्रमुख मुद्दे हैं।