Bhopal News : मध्यस्थता से विवाद समाधान में हर कोई होता विजेता

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भोपाल : BDC NEWS 02 जून 2024

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मध्यस्थता वह प्रक्रिया है, जिसमें हर कोई विजेता होता है क्योंकि मध्यस्थता में विवाद का निपटारा किसी आदेश के द्वारा नहीं होता है, व्यवस्थित चर्चा के द्वारा दो पक्ष समझौते पर पहुंचते है। मध्यस्थता सबके लिए किफायती, जल्द और उत्तरदायी न्याय का सुलभ, सुगम एवं प्रभावी तरीका है। 

उन्होंने कहा है कि विवाद को उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों के समाधान के लिए समाज और सरकार को मिलकर कार्य करना होगा।समाज की विकृतियों को दूर करने के लिए चिंतन करना होगा। बेहतर समाज निर्माण में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्हें आगे बढ़कर कार्य करना होगा। राज्यपाल श्री पटेल आज ई-मीडिएशन राईटिंग्स संस्था  वर्षगांठ समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि विवादों की उत्पत्ति छोटी-छोटी बातों से होती है। बोलने और देखने के तरीकों को लेकर बड़े-बड़े विवाद हो जाते हैं। विवाद बढ़े नहीं, इसके लिए मन-मस्तिष्क की शांति जरूरी है। जरुरी है कि समाज में जागरूकता का ऐसा वातावरण हो, जिसमें सभी हितधारक मध्यस्थता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और पहल का प्रदर्शन करें। युवाओं से अनुरोध किया कि वे जन-सामान्य की बोल-चाल की भाषाओं में मध्यस्थता के अवार्ड के न्यायालयीन महत्व के फ़ायदों को समझाने के लिए आगे आए। समर्थ जन गरीबों, वंचितों को सस्ती, सुलभ और तेज न्याय प्रक्रिया के लाभ दिलाने में मध्यस्थता के द्वारा सहयोग करे।

राज्यपाल ने कहा है मध्यस्थता  के द्वारा विवादों के समाधान की व्यापकता के लिए जरूरी है कि सुशिक्षित और प्रशिक्षित मीडिएटर्स एवं मीडिएशन परिणामों की स्वीकार्यता का दायरा बढ़ाया जाये। परिचयात्मक पाठ्यक्रमों से लेकर मिड-कैरियर-प्रोफेशनल रिफ्रेशर कोर्स की सभी स्तरों पर सतत व्यवस्था हो । मध्यस्थता केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं को उन्नत कर, मध्यस्थता के द्वारा व्यापक आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए पक्के इरादों, सबके साथ और प्रयासों से पहल की जाए। उन्होंने ई-मीडिएशन राईटिंग्स संस्था से अपेक्षा की है कि जनजाति बहुल क्षेत्रों में विशेष ध्यान केन्द्रित करे। मध्यस्थता से सम्बंधित ई-प्रकाशन, नवाचार और ऑनलाईन मीडिएशन के द्वारा विवाद समाधान व्यवस्था को आर्थिक, सामाजिक रूप से वंचित समुदाय तक पहुँचाने में सहयोग करे।

मध्यस्थता आदिकाल मौजूद

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस जे.के. महेश्वरी ने पारिवारिक विवादों में मध्यस्थ की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा के उदाहरण देते हुए बताया कि विवाद को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता की पहल भारतीय संस्कृति में आदिकाल से मौजूद है। मध्यस्थता से विवादों के समाधान के लिए समाज का पुनर्जागरण  करना जरूरी है। उन्होंने रामचरित मानस, महाभारत के दृष्टांतों का उद्धरण देते हुए विवादों के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका को रेखांकित किया। बताया कि तटस्थ भाव से मध्यस्थता की पहल से लम्बित पारिवारिक विवाद के आधे मामले समाप्त हो सकते हैं।

मध्यस्थता समय की मांग

चेयरमैन आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने कहा कि मध्यस्थता समय की मांग है। मध्यस्थता से विवादों के समाधान का नया दौर शुरू होगा। न्यायिक प्रशिक्षण में मध्यस्थता  की संकल्पना में परिवर्तन होगा। उन्होंने बताया कि विधि शिक्षा में अनिवार्य विषय के रूप में मध्यस्थता के पाठ्यक्रम का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता के संबंध में आर्म्ड फोर्सेज के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षित अधिकारियों का अनुभव है कि मध्यस्थता संबंधी प्रशिक्षण से उनकी सोच में काफी बदलाव आया है। विवाद के विषय कम हुए है ।

उपलब्धियों को बताया

उपाध्यक्ष मीडिएटर्स इंडिया पश्चिमी क्षेत्र नीना खरे ने बताया कि ” ई-मीडिएशन राईटिंग्स की चौथी एवं वूमेन इण्डियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज म.प्र. की वर्षगाँठ समारोह में एंपावरिंग-इंडिया-विद-ए-मीडिएशन-माइंडसेट विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं की उपलब्धियों का ऑडियो विडियो प्रेजेंटेशन भी दिया गया।

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