संतनगर की चौपाल
अजय तिवारी
शपथ से पहले ही स्वागत की शुरूआत कर दी
संतनगर में स्वागत सत्कार की जल्दबाजी नई बात नहीं है। … कपड़ा व्यापारी संघ के चुनाव में नई टीम की घोषणा और शपथ से पहले ही सम्मान और स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया। वैसे स्वागत-सत्कार संतनगर के “डीएनए” में है। सम्मान में न तो सामाजिक संस्थाएं पीछे रहती हैं, न व्यापारिक। कहा जाता है, शॉल-हार फूल संतनगर में हमेशा तैयार रहते हैं, अतिथि देवो भव: परंपरा है। इसकी शुरूआत राजनीतिक लोगों ने की थी। एक अवसर पर कांग्रेस के एक दिग्गज ने नेता ने कहा था, सर्दी से पहले संतनगर आ जाता हूं, शॉल थोक में मिल जाते हैं। स्वागत ही नहीं कार्यक्रमों के अतिथि में भी बेहद स्वस्थ परंपरा है, हम तुम्हारे अतिथि, तुम हमारे अतिथि।
दाल में नमक कम है लंच अच्छा है बाबू
कहा था दोपहर के खाने का, लेकिन निपटा दिया स्वल्पाहार में। बात कर रहे है एक कार्यक्रम में स्वागत के बाद सत्कार की। आमंत्रण के समय कहा था लंच देंगे, लेकिन दाल पकवान से आव भगत की। अतिथि पक्ष से टिप्पणी आई दाल तो सही है, लेकिन नमक कम है। टिप्पणी करने वाले का अपना अंदाज है, जिनके कहने के बाद उनके बोल के अविद्या, व्यंजना और लक्षणा में अर्थ निकाले जाते हैं। कहा- जा रहा है वे दाल में कम नमक की बात नहीं कर रहे थे, इशारे में कह रहे थे, स्वाद का ख्याल रखा जाना चाहिए। उसमें ऊंच नीच ठीक नहीं। सामाजिक संस्थाओं की गतिविधियों पर सियासी टच देखने को कई दिनों से मिल रहा है।
खेला करने की कोशिश करने वाले साइडलाइन
कपड़ा व्यापारी संघ के चुनाव को लेकर अंतत: सुखद खबर आई ही गई। लगा था खेला हो रहा है, लेकिन समझदारी से मामला सेट हो ही गया था, जिन्हे चुना जाना, वह चुन लिए गए। जिन्हे बैठना था बैठ गए। कहा जाता है अंत भला तो सब भला. लेकिन चुनाव का फैसला होने के बाद बदलापुर की स्क्रीप्ट लिखने वाले साइड लाइन कर दिए गए। जय-जय हो गई, परदे के लिए पीछे से टीम व्यापारी बनाने वाले की। कहा जा रहा है नई टीम में एक नाम ऐसा है, जिस आगे तव्वज्जों नहीं मिलेगी। वह तो केवल शांति के लिए पदाधिकारी बना लिए गए।
चुनाव तारीख से पहले साधने की शुरूआत
मौका पूज्य सिंधी पंचायत के दीपावली मिलन का है। जिसमें सबसे अहम चुनाव की तारीख तय होना है। लेकिन तारीख से पहले ही साधने का मिजाज नजर आने लगा है। कपड़ा संघ के नए पदाधिकारियों के स्वागत, अपनी ड्यूटी ठीक से करने पर पुलिस का सम्मान किया जाएगा। पंचायत पुलिस की काम से संतुष्ट है और जमकर तारीफ की है। चुनाव को लेकर चर्चा है जहां युवा बदलाव चाहते हैं, वहीं लंबे समय से जमे पदाधिकारियों का आगे बढ़ाने का पक्ष लेने वाले बड़ी संख्या में है। सिंधी समाज की प्रतिनिधि संस्था के सकारात्मक तेवर गजब के हैं, वह अपनी ताकत दिखाने से ज्यादा मेहरबानी होगी की तर्ज पर अपनी बात रख रही है।