Vastu Tips For New Home : घर बनाते समय ध्यान रखे वास्तु का.. जरा चूक पड़ेगी बहुत भारी

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BDC NEWS फीचर डेस्क 09 may 2024
Vastu Tips For New Home : जीवन में घर एक बार बनता है। हर शख्स अपने घर का सपना देखता है। घर बनाते समय जहां बजट, लोकेशन और अच्छी डिजाइन पर फोकस होता है। वहीं वास्तु के हिसाब से घर निर्माण पर भी विशेष ध्यान आजकल लोग देने लगे हैं। वे ले आउट बनाने वाले के सामने पहली शर्त वास्तु की रखते हैं।


वास्तु विशेषज्ञों का कहना है वास्तु घर बनाते समय बहुत कुछ तय करता हैं, जैसे वास्तु में दक्षिण दिशा को यमराज की होती है, इसलिए घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण मुखी नहीं होना चाहिए। घर के मुख्य दरवाजे पर खिड़की बनवाना अच्छा रहता है। घर का मुख्य दरवाजा पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। बाथरूम और किचन कभी भी आसपास नहीं बनाना चाहिए।

घर का निर्माण वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष और फाल्गुन से करना चाहिए। मान्यता के अनुसार इन महीनों में घर बनाना शुरू करने से उस घर सुख का वास होता है। वैशाख में शुरूआत करने से धन, पुत्र व आरोग्य की प्राप्ति होती है। श्रावण मास में निर्माण शुरू करने से पशु, धन व हितैषी बढ़ते हैं।

घर की नींव में एक कलश में लोहे की चार कील, हल्दी की पांच गांठें, मिट्टी के दीपक, तुलसी की पत्तियां, चांदी के सांप का जोड़ा, छोटे पांच औजार, पान के पत्ते, फल, चौकोर पत्थर, नारियल, शहद, गुड, जनेऊ, पंचरत्न पंचधातु रखना चाहिए। घर के ब्रह्मस्थान का विशेष ध्यान रखना चाहिए वहां किसी भी प्रकार का निर्माण या कोई दीवार नहीं बनानी चाहिए। प्लाट का आकर , आयताकार होना चाहिए। घर किसी शमशान तथा मंदिर के पास नहीं होना चाहिए।

वास्तु कहता है एक आदर्श मकान का मुख्य द्वार सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। घर का ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (इशान कोण) की ओर होना शुभ होता है। घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरुम और बेडरुम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और सुखमय जीवन रहता है। नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए घर बनने के बाद कई प्रोटोकॉल हैं। वास्तु में घर में टूटी-फूटी चीजें नहीं रखनी ठीक नहीं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बनती है व्यक्ति मानसिक परेशानियां झेलता है।

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