RSS ने स्वीकारा वूमेन पॉवर, चीफ गेस्ट बनाया
आबादी में धार्मिक असंतुलन को लेकर आरएसएस प्रमुख भागवत का फिर बयान आया है… भागवत ने जनसंख्या की एक पॉलिसी बनाने और और सब पर समान रूप से लागू करने पर जोर दिया है….
नागपुर। भोपाल डॉट कॉम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास में पहली बार विजयादशमी पर नागपुर में हुए समारोह में एक महिला मुख्य अतिथि थीं। दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली दुनिया की इकलौती संतोष यादव को आरएसएस ने आमंत्रित किया था। संतोष यादव ने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोहन भागवत ने एक बार फिर पॉपुलेशन, मंदिर, जातिवाद जैसे मुद्दों का जिक्र किया। कहा- बढ़ती हुई आबादी में हम धार्मिक असंतुलन को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। भागवत ने कहा, ‘जनसंख्या जितनी अधिक होगी बोझ उतना ही ज्यादा होगा।। हमे सोचना होगा देश 50 साल के बाद कितने लोगों को पोषण का बोझ झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या की एक पॉलिसी बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो। उन्होंने कहा कि धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसा विषय है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। जन्म दर में अंतर और लालच या घुसपैठ की वजह से होने वाले धर्मांतरण भी बड़ी समस्या है।’
जानवर, इंसान में फर्क है
यह पहला मौका नहीं था, जब संघ प्रमुख ने जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जताई हो इससे पहले भागवत ने कर्नाटक की श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा था कि जनसंख्या बढ़ाने और खाने का काम तो जानवर भी करते हैं। ये जंगल में सबसे ताकतवर रहने के लिए जरूरी है। ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का कानून है। इंसानों में ऐसा नहीं है। इंसानों में जब ताकतवर दूसरे की रक्षा करता है तो ये ही इंसानियत की निशानी है