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BHOPAL NEWS: लास्ट मूव्हमेंट पर 500 करोड़ के प्रोजेक्ट पर सांसद का अडंगा

आलोक शर्मा ने कहा, नहीं होने दूंगा कलेटोरेट, कमिश्नरी शिफ्ट

भोपाल. विशेष संवाददाता
पुराने भोपाल से अहम सरकारी दफ्तरों को नए भोपाल में शिफ्ट करने की 500 करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट पर सांसद आलोक शर्मा ने आपत्ति ली है। बात कर रहे कलेक्टोरेट और कमिश्नर कार्यालय के प्रोजेक्ट की। तीन महीने पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रोफेसर कॉलोनी और कलेक्टोरेट कैंपस रीडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।
सांसद का तर्क है सरकारी दफ्तर शहर के बीचों बीच होना चाहिए। वैसे भी पुराने भोपाल से नगर निगम और आरटीओ दफ्तर जा चुके हैं। पुराने भोपाल की जनता मेरे पास आ रही है कह रही है अब कलेक्टोरेट नहीं जाना चाहिए। कलेक्टर से बात की है, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी बात करूंगा।


एनजीटी से मिली मंजूरी
बता दे भोपाल के कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय को प्रोफेसर कॉलोनी में भेजा जाना है, जिसके लिए 500 करोड़ का प्रोजेक्ट है और लंबे समय से इस पर काम चल रहा था। प्रोजेक्ट में 6 मंजिला बिल्डिंग बनेगी। जहां पर कलेक्टोरेट और कमिश्नरी शिफ्ट होगी। तीन महीने पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रोफेसर कॉलोनी और कलेक्टोरेट कैंपस रीडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी।


जल्द ही होने है टैंडर
जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है, उसके बाद वहां के मकान और सरकारी दफ्तरों को तोड़ा जाएगा। ढाई महीने पहले कलेक्टर ने प्रोफेसर कॉलोनी में लगने वाले जल संसाधन, संपदा संचालनालय, एनसीसी, श्रम विभाग और अन्य दफ्तरों के अफसरों से पूछा था कि वे अपने दफ्तर कहां शिफ्ट करेंगे? जिस पर उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही।


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