भोपाल

Sindhi Academy: ‘गुलामी के समय साहित्यकारों ने राष्ट्रीय चेतना का किया संचार’

गणतंत्र दिवस पर सिन्धी साहित्य अकादमी ने किया कवि सम्मेलन
भोपाल. BDC NEWS
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सिन्ध में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आमजन में राष्ट्रीय चेतना का संचार कर स्वाधीनता की ज्योति जगाने वाले कवियों और साहित्यकारों के योगदान को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए, वर्तमान में भी ये अपनी लेखनी से समाज व राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व निभा रहे हैं,यह बात विधायक एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने सिन्धी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित सिन्धी कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कही।


मध्यप्रदेश सिन्धु भवन ट्रस्ट के सहयोग से सिन्धु भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र मनवानी के स्वागत भाषण के बाद प्रख्यात सिन्धी गायक नरेश गिदवानी ने सिन्धी में देशभक्तिपूर्ण गीत भी प्रस्तुत किये।माँ भारती तथा वरुणावतार श्री झूलेलाल जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात नरेश गिदवानी ने “जागु सिन्धी, पाण सुञाणु सिन्धी…” गाकर उपस्थित श्रोताओं को अपने सिन्धी होने पर गर्व करने का एहसास जगाया तो इसके बाद उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ में अमर बलिदानी हेमू कालाणी के बलिदान की गाथा सांगीतिक रूप से प्रस्तुत की।
इसके बाद कवि अशोक जमनानी के संचालन में सिन्धी काव्य सम्मेलन की शुरुआत हुई,सबसे पहले भगवान बाबाणी ने सैनिकों के सम्मान में अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा “हथ में हथियार को खणी बि त डिसु,जंग सरहद ते लड़ी बि त डिसु,अमर थी वेंदें तूं सदा जे लाइ, हिकु दफ़ो मुल्क लाइ मरी बि त डिसु…”


हर्षा मूलचंदानी ने निरन्तर विकास की ओर बढ़ रहे भारत में उन्नत तकनीक के योगदान की बात अपनी कविता के माध्यम से कही तो कनयो शेवाणी ने अपनी कविता अमर बलिदानी हेमू कालाणी को समर्पित करते हुए कहा “परवाननि सां साणु सुहां हां, हेमूअ वांगुरु मां बि हुजां हां…”, इसके बाद नारी लच्छवानी ने सभी देशभक्तों के सम्मान में अपनी रचना प्रस्तुत की “घोरिया जिनि पंहिंजा तन-मन, तिनि खे साराहियो आहे वतन…”, ओमप्रकाश टहिल्याणी पखी ने सिन्ध के बिना हिन्द को अधूरा बताते हुए अपनी पीड़ा कुछ यूं बयान की “लिखी सिन्ध टैगोर वियो जन गण में जेका, ऊहा सिन्ध देश जे कंहिं कुंड में नाहे…”, इसके बाद द्रौपदी चंदनानी ने माहौल को रुमानवी बनाते हुए एक ग़ज़ल प्रस्तुत की तो कन्हैयालाल मोटवानी ‘मांदो’ ने वीर जवानों की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए कहा “ऐ जवानों हिन्द जा,हिन देस खे सींगारजो,जे मुसीबत का अचे,हिम्मत न पहिंजी हार जो…”


कवि सम्मेलन का संचालन अशोक जमनानी ने किया। कार्यक्रम के अंत मे अकादमी निदेशक राजेश कुमार वाधवानी ने उपस्थित श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

भोपाल डॉट कॉम, डेस्क

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