भोपाल

‘हुजूर’ पर बरकरार रहने रामेश्वर का सफर शुरू

तीसरी बार विधायकी के लिए पहले मंदिर, कुटिया और संबोधि में टेका रामेश्वर ने माथा… कहा, हुजूर विधानसभा क्षेत्र नहीं, यहां रहने वाले मेरे परिवार के सदस्य.. सेवा का फिर मिला मौका.. थैक्यू नेतृत्व का।

कांग्रेस खेलेगी पूर्व भाजपाई विधायक पर दांव !

भोपाल. अजय तिवारी
बीजेपी ने हुजूर विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार का फैसला चौथी सूची में किया। मौजूदा विधायक रामेश्वर शर्मा पर भरोसा जताया है। कभी गोविंदपुरा सीट के हिस्से रहे कई इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों से हुजूर विधानसभा ने आकार लिया है। यहां के ज्यादातर इलाके भाजपा के गढ़ रहे हैं। बेहद सुरक्षित सीट माना जाता है। हुजूर के संतनगर (बैरागढ़) ने तो प्रदेश को मुख्यमंत्री (बाबूलाल गौर) भी दिया।
हुजूर विधानसभा सीट का मिजाज शहरी और ग्रामीण है। जातीय समीकरण की बाद करें तो सिंधी आबादी हार-जीत में अहम रौल निभाने की स्थिति में हैं। हालांकि साल 2018 के चुनाव में सिंधी आबादी ने नए मिजाज से वोटिंग की थी, लेकिन भाजपा का अभेद किला उस वक्त भी भाजपा से कांग्रेस नहीं छीन सकी थी। हुजूर बनने के बाद साल 2018, साल 2023 में विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस क्षेत्र से जीत दर्ज कराई है। वे 10 साल से क्षेत्र के विधायक है, यह तीसरा मौका है जब वह विधायकी के लिए बीजेपी से मोर्चा संभाल रहे हैं।

कांग्रेस चेहरा कौन होगा‌?
भोपाल राजधानी में उम्मीदवारों के नामों के फैसले की बात करें तो भाजपा ने सात में छह उम्मीदवार के नामों की घोषणा की है। कांग्रेस ने अभी तक एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। कहा जा रहा है, जिसे मैदान में उतारना है उसे पार्टी ने संकेत दे दिए हैं। हुजूर सीट पर देखे तो कभी भाजपा से विधायक रहे जितेन्द्र डागा के मैदान में उतरने की चर्चा है। डागा उम्मीदवारी की संभावना के चलते मैदान और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। हाल ही में अपने जन्म दिन पर अपने घर में देशभर से एक विचारधारा वाले कवियों को सुनने के लिए कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया था। डागा हाउस में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह भी बधाई देने पहुंचे थे।

आगाज आस्था स्थलों से
हुजूर से टिकट की घोषणा के बाद रामेश्वर शर्मा के युवा सदन में कार्यकर्ताओं के जमावड़े और विधानसभा क्षेत्र में आतिशबाजी के साथ चुनावी हल्ले के शुरूआत भाजपा ने की है। मंगलवार को विधायक शर्मा ने अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत विधानसभा क्षेत्र के मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर माथा टेककर की। वे चार इमली स्थित हनुमान मंदिर, गुफा मंदिर, श्री नंदीश्वरदीप जिनालय, लालघाटी पहुँचे और दण्डवत प्रणाम किया। संतनगर में हिरदारामजी की कुटिया में सेवा संकल्प धाम में माथा टेका एवं संतजी के शिष्य सिद्धभाऊजी का आशीर्वाद लिया। गुरूद्वारा साहेब, सीआरपी संतनगर, श्री हरिहर गुरु साहिब, हरिहर नगर फंदा, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर, तूमड़ा में आशीर्वाद लिया। साथ ही टेम्पल ऑफ़ संबोधि में वेदान्त संत लाल साईं का आशीर्वाद लिया।

हुजूर मेरा परिवार है
संतनगर में मीडिया से चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा, अपने परिवार की सेवा का अवसर फिर मिला है। हुजूर विधानसभा जनता नहीं है बल्कि मेरा परिवार है, मैं इनका बेटा हूँ, मैं इनका भाई हूँ। इनके लिए जिऊंगा, इनके लिए मरूँगा। इनके सामने कोई ऐसी समस्या नहीं रहने दूंगा जिसके कारण यह परेशान हों, बल्कि इनकी समस्या मेरी समस्या होगी।

सिंधी नेता को टिकट नहीं
हुजूर पर चुनावी परिदृश्य साफ हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है हुजूर से सिंधी भाषी नेता को टिकट की सिंधी समाज की मांग भाजपा ने खारिज कर दी है। जिताऊं उम्मीदवार को मैदान में तीसरी बार उतार दिया है। कांग्रेस से भी किसी सिंधी नेता को टिकट मिलेगा इसकी संभावना कम है, क्योंकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस सिंधी नेता नरेश ज्ञानचंदानी को टिकट दे चुकी है। समाज के वोट के बाद भी वह सीट नहीं निकाल पाए थे।

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