भोपाल

रामनीति में ही छिपे है ‘राजनीति’ और ‘पत्रकारिता ’ के आदर्श

भोपाल। भोपाल डॉट कॉम

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से ज्यादा ‘लोकतांत्रिक’ कोई नहीं है। ‘रामनीति’ के बगैर लोकतंत्र कदापि संभव नहीं है। ‘रामनीति’ में जिस तरह परहित का भाव छिपा हुआ है, वही पत्रकारिता का भी मूल है। आम जन के दु:ख और समस्याओं को सामने लाना पत्रकारिता का दायित्व है।
यह कहना है स्वदेश समाचार पत्र समूह भोपाल के प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा का। वे आज सप्रे संग्रहालय में सागर के प्रतिष्ठित पत्रकारिता गुरु ,पत्रकार स्व भुवन भूषण देवलिया की जयंती पर उनकी स्मृति में हुई ‘राम,राजनीति और पत्रकारिता’ विषय पर व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता थे। अध्यक्षता माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान,भोपाल के संस्थापक निदेशक वरिष्ठ पत्रकार पद्म श्री विजयदत्त श्रीधर ने की। मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, विशिष्ट अतिथि पत्रकारिता विवि के कुलगुरु प्रो. केजी सुरेश थे।
इस अवसर पर शिवपुरी के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव को ‘ राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया पत्रकारिता सम्मान’ से अलंकृत किया गया। इसमें 11 हजार रूपए नकद, शाल श्रीफल प्रदान किया जाता है। अपने वक्तव्य में मुख्य वक्ता राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि भारतीय समाज में भगवान श्रीराम की छबि मर्यादा पुरुषोत्तम की है। यही मर्यादा राजनीति और पत्रकारिता दोनों ही क्षेत्रों में जरूरी है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्पीकर श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में वही आदर्श स्थापित किए जो हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। उनके वनवास काल का हम अवलोकन करें तो उसमें हम मर्यादा,तप और समता तीनों ही पाते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि भगवान श्रीराम रावण वध के बाद लंका का राज हथिया सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यही उनके आदर्श हैं। आप अपने बल का प्रयोग केवल अपने अधिकार के लिए करें, दूसरों का अधिकार छीनने के लिए नहीं। अध्यक्षीय उद्बोधन में विजयदत्त श्रीधर ने कहा देवलिया जी ने पत्रकारिता की एक पौध तैयार की है। उनके परिवार जन जिस तरह उनकी स्मृति को जीवित रखे हैं, यह प्रयास सराहनीय है। आरंभ में विषय प्रवर्तन वरिष्ठ शिवकुमार विवेक ने किया। संचालन पत्रकार लोकेन्द्र सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत देवलिया जी के शिष्य गण पत्रकार राजीव सोनी, जनसंपर्क अधिकारी अशोक मनवानी, आलोक सिंघई, देवलिया जी पुत्र डा. आशीष देवलिया, बेटी अरुणा देवलिया तथा डा. बालकृष्ण दुबे ने किया। आभार राजेश सिरोठिया ने माना।कार्यक्रम में शहर के राजनेता, पत्रकार, साहित्यकार तथा जनसंपर्ककर्मी उपस्थित रहे।

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