सिंधियत

Sindhi Mithai : होली पर बेटी करती है पिता के घर से आए गेहर का इंतजार

संतनगर. भोपाल डॉट कॉम

Sindhi Mithai

सिंधी समाज की खास मिठाई है गेहर, जो परंपरा और पर्व से जुड़ी है। सिंधी परिवार में रंग पर्व बिना गेहर के होली मनाई ही नहीं जाती। बाबुल का प्यार लेकर हर साल बेटी के घर गेहर जाते हैं, जिसमें बेटी को खुशहाली का आशीर्वाद होता है और रंग पर्व की बधाई। 

होली का पर्व नजदीक आते ही संतनगर में गेहर (बड़ी जलेबी) मिठाई की दुकानों पर नजर आने लगती है। मिठाई की दुकानों पर गेहर बनाने का काम शुरू हो गया है। सिंधी समाज का पारम्परिक पकवान होने के कारण लोग इसकी खरीदी होली पर सबसे अधिक करते हैं। समाज में यह परम्परा है कि होली पर्व पर यह मिठाई हर घर परोसी जाती है। शायद ही ऐसा कोई सिंधी परिवार होगा, जो होली पर यह मिठाई ना खाए।

एक अनुमान के मुताबिक हर साल होली पर करीब 1000 क्विंटल गेहर बिकते है।  यह मिठाई स्वादिष्ट होने के कारण इसे सिंधी समाज सहित अन्य समाज के लोग भी खरीदते है। होली पर इसकी खूब बिक्री होती है। कई लोग तो गरमा-गरम जलेबी दुकान पर ही खा जाते है।

दूसरे शहरों में भी जाते हैं गेहर

संतनगर से यह मिठाई दूसरे शहरों में भी भेजी जाती है। सिंधी समाज में यह परम्परा है कि होली पर अपनी बेटी व रिश्तेदारों को यह मिठाई भेजी जाती है। इससे होली के दिनों में इसकी खूब बिक्री होती है। संत नगर के बाजार के कई स्थानों पर मिठाई की दुकानों के अलावा गेहर बड़ी जलेबी के अतिरिक्त स्टॉल लगाये जाते हैं।

खास कारीगर बनाते हैं

गेहर बनाने वाले कारीगरों की संख्या सीमित है। होली के समय मांग बढ़ने से यह मुंह मांगे पैसे दुकानदारों से लेते हैं। बड़ी जलेबी होने से इसका बनाना आसान नहीं होता। होली पर हर मिठाई की दुकान के बार गेहर बनाते कारीगत देखे जा सकते हैं, कुछ दुकानों पर अभी से गेहर बनना शुरू हो गए हैं। गेहर 280 से 350 रूपये किलो तक मिलते हैं।

दशकों पुरानी परंपरा

सिंधी समाज की दीपा आहूजा का कहना है कि गेहर मुंह मीठा कराने के लिए सिंधी मिठाई है। होली पर ऐसा हो ही नहीं सकता कि किसी घर में गुलाल लगाने जाएं और आपको गेहर न मिले। दशकों को पुरानी गेहर की परंपरा आज भी सिंधी समाज में मौजूद है, आगे भी रहेगी। गेहर एक ऐसी मिठाई है, जो होली पर ही नजर आती है।

देशभर में जाती है Sindhi Mithai

गेहर बनाने का काम शुरू हो गया है। होली पर कई दिन पहले से गेहर बनने शुरू हो जाते हैं। यह बेहद खास पैकिंग में दिए जाते हैं। देश में जहां भी सिंधी समाज के लोग रहते हैं वहां होली पर गेहर मिठाई की दुकानों पर दिखे जा सकते है। संतनगर से सिंधी परिवार अपने प्रियजनों के पास गेहर पर मिठाई भेजते हैं।

राजू मोरंदानी, मिठाई विक्रेता

रवि कुमार, ब्यूरो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *