टीचर्स डे पर बच्चों ने घरों से कहा सर, मेडम थैंक्यू
शहीद हेमू कालाणी एज्युकेशन सोसासयटी के स्कूलों में आयोजन्र
प्रबंधन समितियों ने किया सम्मान
हिरदाराम नगर। बीडीसी न्यूज
शहीद हेमू कालाणी एज्युकेशन सोसायटी की शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक दिवस ऑनलाइन आयोजित किए गए। जहां स्टूडेंट्स अपनी ऑनलाइन प्रस्तुतियों से टीचर्स के प्रति अपने भाव प्रकट किए, वहीं प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने कोरोना की विपरित परिस्थितियों में दायित्व निर्वहन के आभार व्यक्त किया। शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मान भी किया गया।
मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया गया। विद्यालय के मार्गदर्शक सिद्धभाऊ ने अपने संदेश में शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शासन के कक्षा छठी से 12वीं तक के लिए विद्यार्थियों हेतु स्कूल खोलने के निर्णय का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि नीचे की कक्षाएं भी शीघ्र प्रारम्भ होंगी। प्राचार्य डॉ अजय कांत शर्मा एवं उप.प्राचार्या रीटा गुरबानी ने विद्यालय परिवार को शिक्षक दिवस पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि शिक्षक के बिना बेहतर समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। विद्यार्थियों ने ऑनलाइन प्रस्तुतियों के माध्यम से टीचर्स का आशीर्वाद लिया।
नवनिध स्कूल में आयोजन
विद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत परंपरागत तरीके से हुई। छात्राओं ने स्वरचित ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रति अपने भावों को व्यक्त किए। कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। छात्राओं ने विभिन्न कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति भी दीं। संचालन समिति के संत सिद्धभाऊ, हीरो ज्ञानचंदानी, एसी साधवानी एवं विद्यालय की प्राचार्या अमृता मोटवानी ने शिक्षक. शिक्षिकाओं की वर्तमान परिस्थिति में धैर्य एवं संयम के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे समस्त शिक्षकों की मुक्त कंठ से सराहना की।
संत हिरदाराम कॉलेज
महाविद्यालय में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई दी और उनकी सेवा को भविष्य का निर्माण करने वाला बताया। प्राचार्या डा डालिमा पारवानी, संस्था के पदाधिकारी हीरो ज्ञानचंदानी, ए.सी. साधवानी ने अपने विचार रखे। आपने कहा कि समाज उत्थान के लिए सभी शिक्षकों का कार्य सराहनीय है। नारी शिक्षा स्वस्थ एवं संस्कारित समाज की नींव है। आगामी समय में छात्राओं को शिक्षा के साथ संस्कार प्रदान करना एवं सोशल मीडिया के खतरे से अवगत कराना आवश्यक है।