मध्य प्रदेश

भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाएगी सरकार : CM

   हाइलाइट्स

  • हर जनजातीय नर्तक एवं वाद्य कलाकार को दिए जाएंगे पांच-पांच हजार रूपए
  • जनजातीय समाज के देवस्थानों एवं पूजा स्थलों के विकास के लिए दिए जाएंगे तीन-तीन हजार रुपए
  • जनजातीय देवलोक महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धर्म मुखियाओं का किया सम्मान

भोपाल : BDC NEWS

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगोरिया उल्लास का पर्व है। यह फागुन के रंगों से सराबोर प्रकृति की खुशबू में कुछ पल थम जाने और इसी में रम जाने का पर्व है। हमारी सरकार भगोरिया का उल्लास बरकरार रखेगी। अब भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। यह इसी वर्ष से शुरू किया जाएगा। वे स्वयं भी भगोरिया उत्सव में शामिल होंगे। सरकार छोटे-छोटे स्थान पर जनजातीय देवी-देवताओं के पूजा स्थलों को विकसित करने के लिए सहायता देगी। हम कोरकू उत्सव भी मनाएंगे। इसके अलावा जनजातीय समाज के जितने भी त्यौहार आने वाले हैं, सरकार उन्हें राजकीय स्तर पर मनाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में हुए जनजातीय देवलोक महोत्सव में यह महत्वपूर्ण सौगातें दीं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारा गौरव है। जनजातीय नायकों ने स्वाधीनता संग्राम में अपना बलिदान दिया। वे किसी के भी सामने झुके नहीं। जनजातियों की देशज पुरा संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए सरकार उनका सहयोग करेगी। जनजातियों की विशेष पूजा पद्धति, रीति-रिवाज संस्कृति, संस्कार यह सब हमारी धरोहर हैं। सरकार इन्हें संजोकर रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का महोत्सव जनजातीय समाज के धार्मिक मुखियाओं का सम्मान है। जनजातीय संस्कृति को संरक्षित रखने वाले ओझा, पटेल, पुजारा, तड़वी, भगत, भुमका, पंडा एवं अन्य धर्म मुखियाओं सरकार के लिए सदैव सम्मानित रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति में आत्मीयता है, इनकी बोली में प्रेम प्रतिबिंबित होता है। जनजातियों की पूजा पद्धति प्रकृति के प्रति आस्था को व्यक्त करती है। जनजातियों के सभी देवी देवताओं और इनकी प्रकृति के प्रति आभार पूजा पद्धतियों को भी नमन है। प्रकृति पूजक जनजातीय संस्कृति हम सबको जीना सिखाती है, जीवन का आनंद लेना सिखाती है। जल, जंगल, जमीन और जमीर बचाने में जनजातीय महानायकों ने अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए। जनजाति समाज भारत का गौरव है। टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, अमर शहीद रघुनाथ शाह और कुंवर शंकर शाह इसकी पहचान हैं। जनजातीय समाज ने सदियों से भारतीय संस्कृति को और अधिक पल्लवित किया है। जनजातीय समाज के वाद्य यंत्र और उनकी बोली मानवीय भावों का उदात्त प्रकटीकरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय बंधुओं से अपील की है कि इस समृद्ध संस्कृति को हमेशा बनाए रखें। सरकार इसमें मदद करेगी।

देवलोक महोत्सव मील का पत्थर

जनजातियों की संस्कृति आद्य संस्कृति है। भारत के निर्माण विकास में जनजातियों की बड़ी भूमिका रही है। देश को स्वाधीनता दिलाने में जनजातीय नायकों ने बलिदान दिया। जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण में देवलोक महोत्सव का यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व एवं संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में हमारा प्रदेश स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश में सरकार की योजनाओं के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों का तेजी से विकास हो रहा है।

  • दुर्गादास उईके, केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री

सामाजिक मिलन समारोह

समाज का विकास सबकी भागीदारी और सहयोग से ही संभव है। आज का यह महोत्सव एक सामाजिक मिलन समारोह है। प्रदेश में विकास की बयार बह रही है। यह कारवां अब रूकेगा नहीं। हम सब मिलकर इस प्रदेश और जनजातियों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।

  • डॉ. कुंवर विजय शाह, मंत्री जनजातीय कार्य

जनजातीय नायकों के गौरव को मान दिया

जनजातियों को हमारी सरकार ने मान-सम्मान दिया। हमारी पूजा पद्धतियों और धार्मिक मुखियाओं का सम्मान जनजातियों का सम्मान है। हमारी सरकार, जल, जंगल, जमीन और जनजातियों की चिंता कर रही है। हमारी सरकार ने जनजातीय नायकों के गौरव को मान दिया और उनके स्मारक बनावाए। जनजातीय संस्कृति और संस्कार के विकास के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।

  • संपतिया उइके, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री

सीएम निवास में मान सम्मान मिला

ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के मुखिया के आवास में जनजातियों को इतना मान-सम्मान मिला है। प्रदेश में जनजातियों का ‍विकास सभी को स्पष्ट दिखाई दे रहा है। विभिन्न योजनाओं के जरिए देश-प्रदेश में जनजातियों के कल्याण के लिए तेजी से काम हो रहे हैं। सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए भी हमारी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है।

  • नागर सिंह चौहान, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री

यह मौजूद रहे

कार्यक्रम को जनजातीय समाज के धर्मगुरू मनोज पटेल, सूरसिंह मीणा, बृज गोपी सहित अन्य धर्म मुखियाओं ने कहा कि जनजातियों की संस्कृति, पूजा स्थलों एवं रीति-रिवाजों के लिए सरकार की पहल सराहनीय है। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह, विधायक भगवानदास सबनानी, जनजातीय समाज के सभी धार्मिक मुखिया सहित प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय विकास श्रीमन शुक्ल तथा बड़ी संख्या में प्रदेश के दूरदराज से आए जनजातीय बंधु उपस्थित थे।

 

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