कैग रिपोर्ट से खुली… रेत खनन के दावों की कलई
भोपाल। BDC NEWS
मध्य प्रदेश की सरकार भले ही दावा करती रही कि प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन नहीं हो रहा है लेकिन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक केग ने अपनी हाल ही जारी रिपोर्ट में ऐसी सेटेलाइट तस्वीरें जारी की है जिसमें नर्मदा नदी में ड्रेज पंपों के जरिए रेत का अवैध खनन हो रहा है। संभवत: यह पहली बार है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज के जरिए सरकार के दावों की पोल खोली है।
राज्य विधानसभा में गुरुवार को पटल पर रखी गई केग की ताजा रिपोर्ट में इसका बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार के रेत खदानों के परीक्षण में केग ने बड़ी अनियमितताए भी पकड़ी है। नियमानुसार नदी के किनारे से दूरी 3 मीटर या नदी की चौड़ाई का 10 फीसदी जो भी कम हो खनन किया जा सकता है। वहीं रेत खनन की गहराई 3 मीटर तक सीमित होनी चाहिए। बावजूद इसके पट्टे धारियों ने बेजा उत्खनन किया है। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि खनन नीति का उल्लंघन नर्मदा नदी के अंदर जमकर चल रहा है। नर्मदा नदी के अंदर ड्रेज पंप के माध्यम से रेत खनन किया जा रहा है और नर्मदा नदी में ही रेत के बांध बनाए जा रहे हैं।
अवैध उत्खनन की इमेज जारी
रिपोर्ट में जिला हरदा के ग्राम दयात और सतदेव से बहने वाली नर्मदा नदी पर अवैध उत्खनन का satellite इमेज भी जारी किया है। सैटेलाइट इमेज में साफ दिख रहा है कि किस तरह नर्मदा नदी के अंदर ड्रेज पंपों के जरिए रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है। इमेज में नदी के अंदर गहराई में अवैध रूप से खनन भी दिख रहा है। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि नर्मदा नदी के अंदर रेत माफिया ने न केवल रेत के बांध बना लिए है बल्कि नदी के अंदर ऐसे रास्ते भी बनाएं जिससे ट्रक नदी के बीचो-बीच पहुंचकर ड्रेज पंपों के जरिए लोड किए जा रहे हैं। केग ने अपनी रिपोर्ट में इसी तरह का वर्णन चंबल क्षेत्र से बहने वाली केन नदी को लेकर भी रेत माफियाओं के कारनामे का सैटेलाइट इमेज जारी किया है।
अवैध उत्खनन हो रहा है
केग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि फरवरी और जून 2020 को विभाग को इन सैटेलाइट इमेज से अवगत कराया गया तो विभाग ने अपने उत्तर में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य कर रही है।अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनिज विभाग रेडियो फ्रिकवेंसी, जिओ फेसिंग और गुप्त कैमरे की मदद ली जा रही है। खनिज विभाग के जवाब पर केग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि राज्य भर में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन नदियों से हो रहा है और विभाग उस पर निगरानी करने में विफल रहा है। इससे नदी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।