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Budget 2025:मध्यवर्ग को राहत की बड़ी घोषणा, 12.75लाख तक टैक्स नहीं

बजट में खास

किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का ऐलान

12 लाख रुपये तक की आमदनी वालों पर कोई टैक्स नहीं

अब 18 लाख की कमाई पर होगी 70 हजार रु. की बचत 

टैक्सपेयर्स के लिए ऐलान, संशोधित रिटर्न के लिए अब 4 साल तक की छूट

स्मार्टफोन इलेक्ट्रॉनिक्स और LED-LCD टीवी सस्ते होंगे

स्मार्टफोन, TV और इलेक्ट्रिक कारें होंगी सस्ती 

कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की 36 दवाइयां ड्यूटी फ्री 

नए इनकम टैक्स बिल का वित्त मंत्री अगले हफ्ते करेंगी ऐलान 

इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ा, 100 फीसदी FDI का ऐलान 

25 हजार करोड़ की लागत से बनेगा समुद्री विकास कोष 

अगले 5 सालों में 50 हजार सरकारी स्कूलों में बनेंगी अटल टिंकरिंग लैब्स 

स्टार्टअप्स के लिए 10 हजार करोड़ के अतिरिक्त फंड का ऐलान 

किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़कर हुई 5 लाख 

मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप है बजट: अमित शाह

1997-98: पहली बड़ी बढ़ोतरी

1997 में, तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए. इस वर्ष, 5 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 40% का कर लगाया गया था, जो उस समय का सबसे उच्चतम स्तर था.

2009-10: अधिभार का समावेश

वित्त वर्ष 2009-10 में, सरकार ने व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार को समाप्त कर दिया था. हालांकि, इसके बाद 2010-11 में, 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 10% का अधिभार लागू किया गया.

2014-15: नई कर व्यवस्था

2014 में, नरेन्द्र मोदी सरकार ने नई कर व्यवस्था पेश की. इस वर्ष, आयकर स्लैब में कुछ बदलाव किए गए थे. 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं था, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 10% और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया गया.

2018-19: स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर

2018 में, सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर को बढ़ाकर 4% कर दिया. इसने उच्च आय वर्ग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला. इसके अलावा, इस वर्ष से नए टैक्स स्लैब भी लागू हुए थे.

2020-21: कोविड-19 के प्रभाव

कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने राहत उपायों के तहत कुछ करों को स्थगित किया, लेकिन इसके बावजूद, उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें स्थिर रहीं.

2021-22: स्थिरता का प्रयास

इस वर्ष में भी सरकार ने टैक्स दरों को स्थिर रखा. हालांकि, कुछ विशेष प्रावधानों के तहत उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें बढ़ाई गईं.

संकल्पों की सिद्धि वाला बजट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ये विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है । मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह कल्याणकारी, सर्व-स्पर्शी और समावेशी बजट देश के गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के समग्र विकास के साथ स्टार्ट-अप्स, इनोवेशन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्न क्षेत्रों को समाहित करते हुए, अंत्योदय की भावना और नव-दृष्टि से परिपूर्ण है। 

क्रांतिकारी बजट है

मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि केंद्रीय बजट विकसित भारत का रोडमैप है। मध्यम वर्ग के लिए सरकार का क्रांतिकारी कदम है। उप मुख्यमंत्री देवडा ने कहा कि 12 लाख रूपये तक की सालाना आय पर आयकर न लगाकर एक बड़े वर्ग को राहत दी है। यह प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का क्रांतिकारी कदम है।

वीडी ने कहा…

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि नए केंद्रीय बजट का फोकस विकास में तेजी लाने, सुरक्षित समावेशी विकास, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने, घरेलू खर्च में वृद्धि और देश के उभरते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने पर है। इस बजट में 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, आवश्यकता होने पर 4 साल का इन्कम टैक्स रिटर्न एकसाथ फाइल किया जा सकेगा।

पटवारी के बोल….

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की प्रतिक्रिया आई है। पटवारी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली ऐसी है कि बीजेपी के लोग देश को लूट और बेच रहे हैं। इससे पहले भी जब-जब मोदी बजट लाए हैं, देश निराश ही हुआ है। भ्रष्टाचार अद्भुत और अकल्पनीय हो गया है। लूटो और बेचो देश को वाली नीति पर काम हो रहा है। देश में सरकारें नहीं बच रही हैं, केवल चुनाव हो रहे हैं। विकास दर नीचे है, लेकिन भाषण ऊंचे स्तर पर हैं। उद्योगपतियों के सोलह लाख करोड़ रुपए दस साल में माफ कर दिए गए, लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस काम नहीं हो रहा है। किसानों की आत्महत्या बढ़ रही है। 

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