कैप्टन अमरिंदर हो सकते हैं मोदी कैबिनेट में अगले कृषि मंत्री!
अमित शाह से मुलाकात में बहुत कुछ हुआ तय… गुरूवार को भाजपा में पारी की शुरूआत कर सकते हैं कैप्टन… किसानों आंदोलन का टॉस्क पहले पूरा करेंगे .. पंजाब चुनाव में कांग्रेस संकट स भाजपा की बड़ी सियासी तैयारी
आशा तिवारी
दिल्ली। 29 सितंबर 2021
पंजाब की सियासी गरमाहट में बड़ा सियासी प्लॉन उभर रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) भाजपा की राह पकड़ ली है। कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए कैप्टन अब आक्रमक बल्लेबाजी करने के मूड में है। मीडिया रिपोट्स पंजाब में इलेक्शन का नया गणित सेट करने के लिए मोदी का नया कृषि मंत्री मान रही हैं।
कुर्सी छोड़ने के बाद मंगलवार से कैप्टन दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बुधवार शर्मा कैप्टन और अमित शाह (Amit-Shah) के बीच मुलाकात हुई, करीब 45 मिनट चली मुलाकात क्या गुफ्तगू हुई इसे लेकर कइर् तरह की चर्चाएं हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है गुरूवार को कैप्टन भाजपा के साथ खड़े हो जाएंगे। माना जा रहा है कि कैप्टन आने वाले समय में आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच संवाद की कड़ी हो सकते हैं। इस टॉस्क को पूरा करने के बाद केन्द्र में कृषि मंत्रालय के मुखिया होंगे।
2017 में भी जाने वाले थे भाजपा में
कैप्टन की अमित शाह से मुलाकात भले ही बुधवार को हुई हो, लेकिन सियासी भविष्य के लिए विकल्प के साथ खड़ा होने के संकेत पहले ही दे चुके हैं। कैप्टन साल 2017 में भी कांग्रेस हाईकमान से टकरा चुके हैं। उस समय जाट महासभा बनाकर चुनौती दी थी, उस वक्त भी कैप्टन ने कहा था कि वे भाजपा में जाने के मूड में थे।
किसानों आंदोलन के समर्थक
किसान आंदोलन से कैप्टन की नजदीकियों की बात करे तो पंजाब के किसानों का आंदोलन दिल्ली शिफ्ट होते समय केन्द्र के कहने के बाद भी किसानों को नहीं रोका था। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से उनकी नजदकियां जग जाहिर हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कई बार कांग्रेस की सोच से अलग दिखे हैं।
कपिल सिब्बल भी हमलावर
कांग्रेस ने पहले कैप्टन बदला…. फिर कैप्टन की सत्ता का पलटाने वाले (नवजोत सिंह सिद्ध) टाटा करते नजर आ रहे हैं। पंजाब संकट के बीच पार्टी के सीनियर लीड कपिल सिब्बल कांग्रेस पर हमला बोलते नजर आए। पार्टी से अखिल भारतीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मांग कर डाली। सिब्बल ने कहा, आज पता ही नहीं है कांग्रेस अध्यक्ष है या नहीं। पंजाब के घटना क्रम पर हर फैसला जहां से होना था वहां से नहीं हुआ। मीडिया के बार-बार पूछने के बाद भी सिब्बल ने किसी का नाम नहीं लिया। वैसे सिब्बल के निशाने पर राहुल गांधी रहे,उन्होने कहा कि कांग्रेस को बचाना के लिए इस वक्त गंभीरता की जरूरत है।