समाज में बदलाव के लिए जीवन मूल्यों का महत्व
तीन तक मंथन के लिए प्रदेशभर से शिक्षक जुटे संतनगर में
भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
संत हिरदाराम इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में तीन-दिवसीय ‘फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम’ यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसका समापन 10 सितंबर को होगा। कार्यशाल में मध्यप्रदेश के 50 व्यावसायिक एवं तकनीकी संस्थानों के 100 से अधिक शिक्षक भाग ले रहे हैं।
कार्यशाला के पहले दिन समसामयिक विषय जैसे शिक्षा का सम्पूर्ण विकास में योगदान, ख़ुशी एवं समृद्धि, मानव सद्भाव एवं स्वयं सद्भाव पर विचार रखे गए। दूसरे दिन शनिवार को स्वास्थ्य, समृद्धि, पारिवारिक सद्भाव पर चर्चा होगी। समापन दिवस पर विश्वास एवं आदर की भावना, सामाजिक एवं प्राकृतिक सद्भाव एवं अस्तित्व समभाव पर चर्चा होगी। कार्यशाला में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा नामित रिसोर्स पर्सन मोहित श्रीवास्तव एवं डॉ. राघवेंद्र दुबे हैं।
कार्यशाला की प्रस्तावना रखी
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में संस्थान के डायरेक्टर डॉ. आशीष ठाकुर ने कहा कि मानव जीवन में संस्कारों का महत्व बताने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का होना अति आवश्यक है। उन्होंने तीन दिन की यात्रा के बारे में प्रस्तावना पेश की एवं आह्वान किया कि सभी प्रतिभागियों को परिवर्तन के साक्षी बनना है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी एवं कहा कि यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में अवश्य ही सफल होगा।
मूल्य आधारित शिक्षा जरूरी
संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर हीरो ज्ञानचंदानी ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार बेहद जरूरी होते हैं। मूल्य आधारित शिक्षा ही एक उचित समाज का निर्माण करती है। उन्होंने संत हिरदारामजी साहिब के विज़न को साकार करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि सेवा भाव के साथ हम एक बेहतर समाज की कल्पना कर सकते हैं, जिसमें व्यवहार एवं संस्कार अत्यधिक मायने रखते हैं।
एक लाख टीचर्स ने अपनाया
1980 में जीवन मूल्यों पर प्रथम सार्थक कदम उठाया गया था, जिसके फलस्वरूप वर्तमान में 10 से अधिक राज्य एवं 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के एक लाख से अधिक टीचर्स ने इस प्रोग्राम को अंगीकार किया है।
डॉ. राघवेंद्र दुबे, नामित रिसोर्स पर्सन
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद
तालमेल होना बेहद जरूरी
समझ, संबंध एवं सुविधा में तालमेल होना अत्यधिक जरूरी है। जब हम किसी चीज को अच्छे समझते हैं एवं अपने संबंधों को प्राथमिकता देते हैं तो हमें असीम खुशियां देता है। उसके साथ जब हम सुविधा को जोड़ते हैं तो वह समृद्धि की ओर ले जाता है। उन्होंने समृद्धि को व्यक्तिगत स्तर पर, परिवार स्तर पर एवं एवं समाज के स्तर पर ले जाने के रूप को विस्तार से समझाया।
मोहित श्रीवास्तव, नामित रिसोर्स पर्सन
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद
कार्यशाला के पीछे उद्देश्य
शिक्षक राष्ट्र निर्माता है, जो एक जागरूक एवं जिम्मेदार समाज की नींव रखता है। आज समाज को भौतिक सम्पन्नता से अधिक आवश्यकता जीवन मूल्यों की है। यदि शिक्षक के द्वारा जीवन मूल्यों का बीजारोपण हो, तो उसके परिणाम दूरगामी होते हैं। देश में उच्च शिक्षा की नियामक संस्था अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली ने गत वर्षों से एक पहल की है, जिसमे जिसमें प्रोफेशनल एजुकेशन में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए विभिन्न विषयों पर फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। “यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज” नामक एक पहल है, जिसमें मानव जीवन मूल्यों पर सार्वभौमिक स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है, जहाँ उनके विषय एवं पाठ्यक्रम से परे, किन्तु अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला जाता है। ये एक कार्यशाला है, जिसमें अत्यंत ही सरल तरीके से शिक्षकों को वैल्यू एजुकेशन एवं सेल्फ एक्सप्लोरेशन के बारे में बताया जाता है, ताकि वे अपने विद्यार्थियों के लिए जीवन में उच्च मूल्यों का महत्व सिखा सकें। चूंकि छात्र अपने शिक्षक को आदर्श मानते हैं, इसलिए यह पहल अपने उद्देश्य पूर्ण करने में अत्यंत ही सफल सिद्ध हुई है।