बीएमएचआरसी में फिजियोथैरेपी कोर्स, एक्सरसाइज थैरेपी केंद्र यूनिट शुरू होंगे
बीएमएचआरसी में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी दिवस का आयोजन हुआ
भोपाल । भोपाल डॉट कॉम
भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बीएमएचआरसी में शुक्रवार को विश्व फिजियोथैरेपी दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि बीएमएचआरसी में अगले वर्ष से बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) शुरू होगा व इसके बाद मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (एमपीटी) कोर्स शुरू किया जाएगा। साथ ही बीएमएचआरसी के फिजियोथैरेपी विभाग में एक एक्सरसाइज थैरेपी यूनिट शुरू की जाएगी, जबकि गिन्नौरी स्थित स्वास्थ्य केंद्र में श्वास संबंधी मरीजों के लिए पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर खोला जाएगा।
वर्तमान में मध्यप्रदेश के इक्का—दुक्का सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ही फिजियोथैरेपी के कोर्स चलाए जा रहे हैं। बीएमएचआरसी भोपाल का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां ये कोर्स शुरू होंगे। डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि बीएमएचआरसी का फिजियोथेरेपी विभाग भोपाल के सर्वश्रेष्ठ केंद्रों में से एक है। यहां का स्टाफ काफी अनुभवी और पूर्णत: प्रशिक्षत है। ऐसे में इन संसाधनों के बेहतर और अधिकतम इस्तेमाल के लिए यहां फिजियाथैरेपी कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया गया है। शुरूआत में हम बीपीटी की 40 सीटों के लिए आवेदन कर रहे हैं। धीरे—धीरे सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा फिजियोथेरेपी विभाग का विस्तार किया जा रहा है। यहां नई मशीनें लाई जाएंगी और मरीजों की सुविधा के लिए एक्सरसाइज थैरेपी यूनिट शुरू की जाएगी। इसके अलावा फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों जैसे सीओपीडी, अस्थमा आदि के मरीजों के इलाज के बेहतर प्रबंधन के लिए गिन्नौरी स्थित स्वास्थ्य केंद्र क्रमांक 5 मे पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर शुरू किया जाएगा। बीएमएचआरसी के फिजियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ संदीप सोरते ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लोगों में फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं और ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन अस्पताल के बाहर भी करना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक लोग फिजियोथेरेपी के महत्व के बारे में पता लग सके।
फिजियोथैरेपी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गांधी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ मनीष राजपूत अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आर्थराइटिस बीमारी पर प्रेजेंटेशन दिया।
70 % कर्मचारी गर्दन और पीठ दर्द से परेशान
कार्यक्रम के दौरान बीएमएचआरसी के फिजियोथेरेपी विभाग के सुपरवाइजर डॉ असलम जमाली ने बताया कि एक प्रतिष्ठित सर्वे में यह बात सामने आई है कि विभिन्न कार्यालयों में कंप्यूटर पर काम करने वाले 70 प्रतिशत कर्मचारी सिर्फ गर्दन और पीठ दर्द से परेशान हैं। इसकी मुख्य वजह है, उनका एक ही अवस्था में बैठकर काम करना और फर्नीचर व उपकरण व्यवस्थित न होना। उन्होंने बताया कि धीरे—धीरे ये परेशानी बढ़ती जाती है, इसलिए कर्मचारियों को एक ही अवस्था में नहीं बैठना चाहिए तथा मानकीकृत फर्नीचर व उपकरण का प्रयोग करना चाहिए।
कोर मसल्स को करें मजबूत
बीएमएचआरसी की फिजियोथैरेपिस्ट डॉ नेहल शाह ने कार्यक्रम में शरीर की कोर मसल्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेट, पीठ और पेल्विस एरिया के आसपास स्थित मांसपेशियों को कोर मसल्स कहा जाता है। अगर ये मसल्स मजबूत रहती हैं, तो इससे हमारी रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट मिलेगा। शारीरिक गतिविधयों में दिक्कत नहीं आएगी और हमारा शरीर सामान्य चोटों से भी मुक्त रहेगा। इसके लिए प्रतिदिन कोर एक्सरसाइज करना चाहिए।