धर्मभोपाल

करूणेशालय दुर्गेश विहार में हनुमान जयंती पर सुंदर कांड पाठ

भोपाल। BDC NEWS

दुर्गेश विहार करूणेशालय में हनुमान जयंती के अवसर पर एक भव्य सुंदर कांड पाठ और भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। कार्यक्रम का आयोजन गुरूदेव तिवारी के सानिध्य में किया गया था और इसमें सुंदर कांड मंडल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से भगवान हनुमान की भक्ति का समा बांध दिया।

हनुमान जयंती का महत्व

हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म का उत्सव है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वे भगवान राम के परम भक्त और एक अद्वितीय योद्धा के रूप में पूजे जाते हैं। इस दिन, भक्त उनकी पूजा करते हैं, मंदिरों में जाते हैं, और उनकी वीरता और भक्ति की कहानियाँ सुनते हैं। सुंदर कांड पाठ, जो रामायण का एक भाग है, इस दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हनुमान की लंका यात्रा और उनकी असाधारण वीरता का वर्णन करता है।

कार्यक्रम का आयोजन

दुर्गेश विहार में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था। पूरा क्षेत्र हनुमान जी के नारों से गूंज रहा था। कार्यक्रम स्थल को फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया गया था, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत गुरूदेव तिवारी के द्वारा हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा और आरती से हुई। इसके बाद, सुंदर कांड मंडल के कलाकारों ने सुंदर कांड का पाठ शुरू किया। कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज और प्रभावशाली प्रस्तुति से सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पाठ के दौरान, कई भक्त भावुक हो गए और उनकी आँखों से अश्रु धारा बहने लगी।

सुंदर कांड पाठ का महत्व

सुंदर कांड पाठ का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह रामायण का पांचवा भाग है और इसमें भगवान हनुमान की लंका यात्रा, माता सीता से उनकी भेंट, और लंका में उनकी वीरता का वर्णन है। इस पाठ को सुनने से भक्तों को मानसिक शांति और शक्ति मिलती है। यह माना जाता है कि सुंदर कांड का पाठ करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।

भजन संध्या

सुंदर कांड पाठ के बाद, भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस संध्या में, विभिन्न कलाकारों ने हनुमान जी के भक्ति गीत प्रस्तुत किए। भजन संध्या में भाग लेने वाले सभी भक्त भगवान हनुमान की भक्ति में लीन हो गए और उन्होंने जमकर नृत्य किया।

भजन संध्या में गाए भजन

“श्री हनुमान चालीसा”

“जय हनुमान ज्ञान गुण सागर”

“मंगल मूर्ति मारुत नंदन”

“पवन तनय संकट हरन”

“राम दूत अतुलित बल धामा”

इन भजनों को सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए और उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

गुरूदेव तिवारी का प्रवचन

कार्यक्रम के दौरान, गुरूदेव तिवारी ने हनुमान जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर एक विस्तृत प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी भक्ति, शक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी हमेशा अपने भक्तों की सहायता करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

गुरूदेव तिवारी ने रामायण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए हनुमान जी के चरित्र के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार हनुमान जी ने अपनी बुद्धि, बल और भक्ति से भगवान राम के कठिन कार्यों को भी सहज बना दिया था।

कार्यक्रम में उपस्थित भक्त

इस कार्यक्रम में दुर्गेश विहार और आसपास के क्षेत्रों से हजारों भक्त शामिल हुए। सभी भक्त बहुत ही श्रद्धा और उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर भक्तों के लिए भोजन और पानी की भी व्यवस्था की गई थी।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ भक्तों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे इस कार्यक्रम में आकर बहुत धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुंदर कांड पाठ और भजन संध्या ने उनके मन को शांति और आनंद प्रदान किया है। कई भक्तों ने गुरूदेव तिवारी के प्रवचन की भी सराहना की और कहा कि उनके वचनों से उन्हें जीवन में नई दिशा मिली है।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम का समापन महाआरती के साथ हुआ। सभी भक्तों ने एक साथ मिलकर हनुमान जी की आरती गाई और उनसे आशीर्वाद मांगा। आरती के बाद, भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। यह कार्यक्रम दुर्गेश विहार में हनुमान जयंती के अवसर पर एक अविस्मरणीय घटना थी। इस कार्यक्रम ने न केवल भक्तों को भगवान हनुमान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया, बल्कि उन्हें एक साथ मिलकर भक्ति और आनंद का अनुभव करने का भी मौका दिया। इस प्रकार के आयोजन समाज में धार्मिक भावना को बढ़ावा देते हैं और लोगों को एक दूसरे के करीब लाते हैं।

आयोजन की सफलता

कार्यक्रम का आयोजन पूरी तरह से सफल रहा। गुरूदेव तिवारी के मार्गदर्शन में, सुंदर कांड मंडल के कलाकारों और सभी स्वयंसेवकों ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी भक्तों ने आयोजन की प्रशंसा की और इसे एक अद्भुत अनुभव बताया।

इस प्रकार के धार्मिक आयोजन हमारे समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह आयोजन भी इसी उद्देश्य को पूरा करने में सफल रहा।

भोपाल डॉट कॉम, ब्यूरो

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