मध्य प्रदेशमेरी कलम

दु:ख में ढूंढ रहे व्यापार? शोक संदेशों का शुल्क वसूलना कितना उचित है?

शोक संदेश

ये शब्द सुनते ही मन में उदासी छा जाती है। किसी प्रियजन के निधन की खबर सुनकर हम सब दुखी होते हैं और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। ऐसे में शोक संदेश और पगड़ी रस्म की सूचनाएं प्रकाशित करवाना एक महत्वपूर्ण काम बन जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन शोक संदेशों और सूचनाओं के लिए पैसे वसूलना कितना उचित है? बीडीसी न्यूज तय किया है कि ‘शोक-सूचना’ की कोई कीमत नहीं ली जाएगी। और शोक संदेशों को नि:शुल्क प्रकाशित करने का फैसला लिया है।

बीडीसी न्यूज की पहल

BDC News का मानना है कि दुख बांटा जा सकता है, कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने शोक संदेशों को नि:शुल्क प्रकाशित करने का फैसला करके एक सकारात्मक पहल की है।

इस पहल के पीछे उनका उद्देश्य पूज्य सिंधी पंचायत, संतनगर द्वारा शुरू किए गए सूचना प्रसार अभियान का समर्थन करना और शोकग्रस्त परिवारों की मदद करना है।

संस्कृति और परंपराएं

भारतीय संस्कृति और परंपराओं में हमेशा से ही दुख में साथ खड़े होने की भावना रही है। जब किसी परिवार में कोई दुख होता है, तो पड़ोसी और रिश्तेदार मिलकर उनका सहयोग करते हैं।

शोक संदेश प्रकाशित करवाना भी इसी सहयोग का एक हिस्सा है। यह परिवार को अपने प्रियजन को श्रद्धांजलि देने और रिश्तेदारों और दोस्तों को उनकी मृत्यु की सूचना देने का एक माध्यम प्रदान करता है।

बीडीसी न्यूज की पहल सराहनीय है और यह अन्य मीडिया संस्थानों के लिए प्रेरणा का काम कर सकती है। हमें यह याद रखना चाहिए कि दुख और संवेदनाएं बिक्री के लिए नहीं होती हैं

हमें एक दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और दुख की घड़ी में एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए

शोक संदेश

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