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जीवन में सफलता के लिए माता-पिता, गुरू के प्रति सच्ची श्रद्धा जरूरी – भाऊजी

नवयुवक परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं का सम्मान


हिरदाराम नगर। BDC NEWS

माता-पिता और गुरू के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं सम्मान से ही विद्यार्थी होते हैं जीवन में सफल। यह विचार संत सिद्धभाऊ ने व्यक्त किए। वे नवयुवक परिषद की कोचिंग में विद्यादान करने वाले शिक्षक- शिक्षिकाओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में परिषद की सहयोगी इकाइयों स्वामी विवेकानंद कॅरियर एकेडमी के शिक्षकों, भगवान कला केंद्र में कम्प्यूटर, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग व कोर्सेस के ट्रेनर्स, इंस्ट्रक्टर्स एवं नीतू महतानी मेमोरियल लाइब्रेरी और सभी इकाइयों के ऑफिस स्टॉफ को भी सम्मानित किया गया।


भाऊजी ने कहा

शिक्षक ही विद्यार्थी के जीवन का श्रेष्ठ शिल्पकार है, जो अपनी जीवनदायिनी तेजस्विता से छात्र, समाज और राष्ट्र को सुसज्जित करता है। शिक्षक और माता-पिता छात्र के सच्चे हितैषी हैं। इनका सदैव सम्मान करें, एवं इनके प्रति कृतज्ञता को व्यावहारिक जीवन में स्थान प्रदान करें। विद्यार्थी-जीवन तप, संयम, समय प्रबंधन और सतत् परिश्रम करने का समय है, इसे गंभीरता से लें ताकि आपके जीवन में ज्ञान ऊर्जा का प्रवाह बना रहे। ईश्वर के प्रति आस्थावान रहें क्योंकि ईश्वर प्रतिपल अदृश्य् रूप से हमारा सहायक होता है। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखना है, जो हमें हमारे लक्ष्य से भटका दें। जीवन में वे ही विद्यार्थी सफल होते हैं जिनके हृदय में माता-पिता के संघर्ष और उनके बलिदान का आभास सदैव बना रहता है, वे भलीभांति जानते हैं कि हमें माता-पिता द्वारा दी गयी सुविधाओं का कैसे सदुपयोग करना है और इन सब के बदले अपना ‘उज्ज्वल भविष्य’ माता-पिता को भेंट स्वरुप देना है।


परिषद के काम बताए
संस्था के उपाध्यक्ष ए. सी. साधवानी ने कहा कि परिषद का कार्य अपने आप में अनूठा है। यह पूरी तरह से कार्यकर्ताओं के माध्यम से संचालित संस्था है। आपने सभी को परिषद की शुरुआत कैसे हुई, इसकी भी जानकारी प्रदान की। विद्यार्थीओं के निःशुल्क शिक्षण के साथ ही परिषद के अन्य कार्य जैसे निर्धन परिवारों को राशन एवं चिकित्सीय सहायता, उपनगर व आस पास के ग्रामों में स्थायी नलकूपों द्वारा पेयजल व्यवस्था, नीतू महतानी मेमोरियल लाइब्रेरी व स्वामी विवेकानंद कैरियर अकादमी के माध्यम से रोजगार हेतु मार्गदर्शन व भगवान कला केंद्र द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि अतुलनीय हैं।


परिषद का काम अनूठा

जीव सेवा संस्थान के सचिव महेश दयारामानी ने कहा कि नवयुवक परिषद जो कार्य कर रही है वह एक अनोखा कार्य है। परिषद प्रति वर्ष 2100 से भी अधिक निर्धन किंतु मेधावी बच्चों को केवल शिक्षा ही नही प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर उनके उज्जवल भविष्य की भी निर्माता बन रही है। उन्होने कहा कि सदैव परोपकार की भावना रखनी चाहिए, जिससे आप स्वयं सुखी एवं समृद्ध बनेंगे।


और अधिक सेवा का पाठ

परिषद के वरिष्ठ मार्गदर्शक हीरो ज्ञानचंदानी ने कहा कि दीपक जलाएं लेकिन वहां जहां इसकी ज्यादा आवश्यकता है। कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रह पाए, इसका हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा का प्रतिफल है – ‘और अधिक सेवा’। नवयुवक परिषद के सचिव एवं अकादमिक प्रमुख गोपाल गिरधानी नेआभार व्यक्त करते हुए कहा कि सिद्धभाऊजी के वचनों को व्यवहार में उतारें।


भाव व्यक्त किए
परिषद की स्टूडेंट्स प्रियंका बालचंदानी, नाजिया कुरेशी, प्रियंका सेन, साक्षी इसरानी, नंदिनी खंगार, कोमल नागदेव, पायल गिदवानी, सिमरन मोटवानी, रेखा सोनी व गौतम भंभानी ने गुरु वंदना, कविता एवं विचारों व्यक्त किए। भाऊजी ने उपहार भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन लता आसनानी ने किया।

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