इंतजार में भावी पार्षद… थकान मिटाई हार—जीत के अनुमानों के बीच
संतनगर में पार्षद उम्मीदवार नतीजों का इंतजार कर रहे हैं… कोई मित्र मंडली के साथ है तो कोई परिवार के साथ है। कोई मतदान से हार—जीत के समीकरणों पर मंथन कर रहा है। कोई भगवान से अपनी जीत के लिए प्रार्थना कर रहा है। बीडीसी न्यूज ने कैद की तस्वीरें जीता का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की..
वार्ड चार
राजेश भगवान ‘भरोसे’
प्रभु बेड़ा पार लगा दो… मतदान के दूसरे दिन वार्ड चार के भाजपा उम्मीदवार राजेश हिंगोरानी घर में चल रहे गुरूग्रंथ साहिब के पाठ के समापन में शामिल हुए। कार्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बूथों का आकलन की। साथ हीं शाम को चुनाव कार्यालय में आरती की। यहां प्रज्ज्वलित की गई अखंड ज्योति 17 जुलाई को विसर्जित की जाएगी। बता दे राजेश हिंगोरानी पूर्व जोनाध्यक्ष हैं। चुनाव में वह संगठन की पसंद रहे हैं… विधायक रामेश्वर शर्मा से नजदीकियां न होने के बावजूद वार्ड चार से चुनाव मैदान में थे। स्थानीय राजनीति की बात करें को चुनाव से पहले भाजपा की सियासत में ज्यादा सक्रिय नहीं थे। स्थानीय समस्याओं को लेकर जरूर उनकी सक्रियता रही है।
माधु ने लगाया जीत का हिसाब
माधु चांदवानी वार्ड चार से कांग्रेस की पसंद रहे। स्थानीय कांग्रेस के सियासी समीकरणों के चलते पार्टी ने माधु को वार्ड चार का न होने के बाद भी टिकट दिया। मतदान के बाद फुर्सत होने के बाद माधु अपने पुराने रंग में दिखे। बूथ स्तर पर हुए मतदान का कांग्रेस के चश्मे से आकलन किया। टेऊंराम धर्मशाला में समर्थकों से वोटों को लेकर माथा पच्ची की। शाम को पूज्य सिंधी पंचायत के महासचिव की ड्यूटी निभाई। एक शहरजन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। पंचायत की ओर से शोक संवेदना व्यक्त की। पगड़ी रस्म में हिस्सा लिया। बाकी समय परिवार के साथ बिताया। माधु ने अपना प्रचार समाजसेवी की तरह किया। जनसंपर्क पर उनका फोकस रहा। घर—घर दस्तक देकर अपने समर्थन में वोट का आग्रह किया। सोशल मीडिया पर सक्रियता बनाए रखी।
कन्नू खड़े रहे चंदू के खिलाफ
वार्ड चार में भाजपा के टिकट में सेंध मारी करने के लिए भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश इसरानी की मंशा के विरोध में जाकर उनके भाई कन्हैयालाल इसरानी ने चुनाव में दम भरा। कपड़ा व्यापारियों के मुखिया होने के नाते उन्हें व्यापारियों का प्रचार में साथ मिला। वोट में कितना तब्दील हुआ है यह तो आने वाला नतीजा बताएगा। मतदान के दूसरे दिन कन्नू ने परिवार और दोस्तों के साथ वक्त गुजारा। वे सुबह मार्निंग वॉक पर गए और बोरबन क्लब के साथियों के साथ सुबह बीती। हाई स्कूल ग्राउंड पर बालीबॉल भी खेली। बता दे कन्हैयालाल इसरानी भाजपा से निराश होने के बाद बागी के रूप में मैदान में उतरे थे। हालांकि उनके बड़े भाई चंदूभैया ने दूरियां बनाए रखीं और भाजपा का भरपूर प्रचार किया।
बिनवानी, बागी की चुनौती
भाजपा के बागी में एक नाम भारतीय जनता युवा मोर्चा के हरीश बिनवानी का नाम है, जिन्होंने अपने प्रचार से भाजपा को चुनौती देने की कोशिश की। नाम वापसी के लिए उन पर भाजपा ने दबाव बनाया, लेकिन इमानदार कोशिश में कमी रही। मतदान के दूसरे दिन मार्निंग वॉक, मित्र मंडली से भेंट की। वार्ड में लोगों के बीच पहुंचे। परिणाम की परवाह किए बिना लोगों की समस्याएं सुनी। निराकरण का भरोसा भी दिलाया। बचा समय परिवार के साथ बिताया। बिनवानी ने कहा मैं अपनी बात लेकर जनता के बीच पहुंचा था भरपूर समर्थन मिला है। उनके समर्थन को लेकर आश्वस्तव हूं।