Kids Story

दो शरारती दोस्त – मोंटू और पिंटू की मजेदार कहानी


😂 मोंटू और पिंटू की शरारतें

गांव के दो सबसे बड़े शरारती लड़के थे मोंटू और पिंटू। दोनों की दोस्ती ऐसी थी कि अगर एक शरारत करता, तो दूसरा उसकी तारीफ करने के बजाय उसे और बड़ा बनाने की कोशिश करता! स्कूल, घर और पूरा गांव उनके कारनामों से परेशान था, लेकिन उनकी मासूमियत ऐसी थी कि लोग गुस्सा नहीं कर पाते थे।

🎭 चोरी का अनोखा प्लान

एक दिन, मोंटू और पिंटू ने सोचा कि हमारे गांव की दुकान से बिस्कुट चुराना चाहिए।

मोंटू: “पिंटू, तू दुकान में घुस, मैं बाहर चौकीदारी करूंगा!”
पिंटू: “अरे नहीं भाई, तू अंदर जा, मैं बाहर ध्यान रखूंगा!”

आखिर में, दोनों ने मिलकर एक मास्टर प्लान बनाया। मोंटू दुकान में गया, और पिंटू बाहर खड़ा हो गया। जैसे ही मोंटू ने बिस्कुट के पैकेट उठाए, दुकानदार पीछे से आ गया।

दुकानदार (गुस्से में): “अरे चोर! पकड़ो पकड़ो!”
मोंटू डरकर भागा, और पिंटू ने भी दौड़ लगा दी।

मोंटू: “अबे, तू क्यों भाग रहा है?”
पिंटू: “अरे मैं तेरा दोस्त हूँ, तेरी मदद कर रहा हूँ!”
मोंटू: “कैसे?”
पिंटू: “तू भागने में अकेला कैसा लगेगा, इसलिए मैं भी भाग रहा हूँ!”

🤣 स्कूल में मास्टर जी की टांग खींची

मास्टर जी गणित पढ़ा रहे थे।

मास्टर जी: “बच्चों, अगर तुम्हारे पास 10 केले हैं, और 2 सड़ जाते हैं, तो कितने केले बचेंगे?”
पिंटू (मासूमियत से): “सर, 10 ही बचेंगे!”
मास्टर जी: “अरे पागल, 2 तो सड़ गए!”
पिंटू: “सर, जो सड़े हुए हैं, उन्हें फेंकना थोड़ी है, वो भी तो केले ही हैं!”

पूरी क्लास ठहाके लगाने लगी।

😆 पेड़ पर भूत का आतंक

गांव के एक पुराने पीपल के पेड़ के बारे में कहा जाता था कि वहां भूत रहता है। मोंटू और पिंटू को यकीन नहीं था, तो उन्होंने रात में वहां जाने की ठानी।

रात के 12 बजे दोनों पीपल के पेड़ के नीचे पहुँचे। तभी पेड़ से एक सफेद चीज़ लहराई।

मोंटू (डरते हुए): “पिंटू, मुझे लगता है, यह भूत है!”
पिंटू (कांपते हुए): “हां भाई, भाग चलते हैं!”

दोनों भागने ही वाले थे कि अचानक सफेद चीज़ गिर पड़ी। वो भूत नहीं, बल्कि एक धोती थी, जो वहां सूख रही थी!

मोंटू (हंसते हुए): “अबे पिंटू, तू भूत से ज्यादा अपनी मम्मी की चप्पल से डरता है!”
पिंटू: “अबे हां, अगर मम्मी को पता चल गया कि हम आधी रात को बाहर थे, तो असली भूत वही बन जाएंगी!”

💨 धमाकेदार अंत

एक दिन दोनों ने मिलकर सोचा कि गांव के पंडित जी की साइकिल उड़ाना चाहिए। उन्होंने चुपके से हवा निकाल दी।

अगले दिन, पंडित जी को जब साइकिल पंचर मिली, तो वे गुस्से से बोले:
“हे भगवान! ये जरूर मोंटू और पिंटू की शरारत होगी!”

पिंटू (मासूम बनकर): “नहीं पंडित जी, हमने कुछ नहीं किया, हम तो बहुत सीधे हैं!”
मोंटू (हंसते हुए): “हां पंडित जी, देखिए, हम आपकी मदद भी कर रहे हैं।”

पंडित जी: “कैसे?”
मोंटू: “अब आपको पैदल चलने से ज्यादा एक्सरसाइज मिलेगी!”

पंडित जी नाराज़ हो गए, लेकिन गांववाले हंस-हंसकर लोटपोट हो गए!

कहानी से सीख (Moral of the Story)

शरारतें मजेदार होती हैं, लेकिन हद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
बचपन की दोस्ती सबसे खास होती है, इसे हमेशा संजोकर रखना चाहिए।
मुसीबत में भी हंसने का तरीका खोजो, ज़िंदगी आसान लगने लगेगी।


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